वाराणसी के चौखंडी प्राथमिक विद्यालय में बच्चों को पीटने के आरोप में सहायक अध्यापक निलंबित

बच्चों को पीटने के आरोप में बीएसए राकेश सिंह ने वाराणसी के आराजीलाइन ब्लाक स्थित प्राथमिक विद्यालय (चौखंडी)की सहायक अध्यापक ज्योति देवी को सोमवार को निलंबित कर दिया है। विद्यालय से हटाकर उन्हें चोलापुर ब्लाक से संबद्ध कर दिया है।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Publish:Mon, 15 Nov 2021 09:49 PM (IST) Updated:Mon, 15 Nov 2021 09:49 PM (IST)
वाराणसी के चौखंडी प्राथमिक विद्यालय में बच्चों को पीटने के आरोप में सहायक अध्यापक निलंबित
सहायक अध्यापक ज्योति देवी को सोमवार को निलंबित कर दिया है।

जागरण संवाददाता, वाराणसी। बच्चों को पीटने के आरोप में बीएसए राकेश सिंह ने आराजीलाइन ब्लाक स्थित प्राथमिक विद्यालय (चौखंडी) की सहायक अध्यापक ज्योति देवी को सोमवार को निलंबित कर दिया है। विद्यालय से हटाकर उन्हें चोलापुर ब्लाक से संबद्ध कर दिया है।

चौखंडी निवासी अभिभावक विनय कुमार पांडेय ने सहायक अध्यापिका पर बच्चों को मारने-पीटने का आरोप लगाया था। अभिभावक ने साक्ष्य के तौर वायरल वीडियो के साथ लिखित शिकायत भी दर्ज कराई थी। बीएसए ने इसे गंभीरता से लिया। उन्होंने बताया कि राइट-टू-एजुकेशन के तहत 14 वर्ष तक के बच्चों को मारने-पीटने पर रोक लगाई गई है। ऐसे छह से 14 वर्ष के बच्चों को शारीरिक दंड देना मौलिक अधिकार का हनन है। बच्चों की पिटाई करने, बच्चों व अभिभावकों के साथ अच्छा व्यवहार न करने के आरोप में प्रथम दृृष्टया उन्होंने सहायक अध्यापिका को निलंबित कर दिया। वहीं पूरे प्रकरण के लिए उन्होंने तीन सदस्यीय समिति भी गठित कर दी है। इसमें चोलापुर ब्लाक के खंड शिक्षा अधिकारी (बीईओ) बृजेश कुमार राय, सेवापुरी के बीईओ रमाकांत सिंह व भेलूपुर जोन के बीईओ जितेंद्र गौड़ शामिल है। समिति से यथाशीघ्र जांच रिपोर्ट सौंपने का निर्देश दिया है।

तिब्बती संस्थान में शिक्षा शास्त्रीय की कक्षाएं शुरू

सारनाथ केंद्रीय उच्च तिब्बती शिक्षा संस्थान में दो वर्षीय शिक्षा शास्त्रीय एवं चतुर्थ वर्षीय शिक्षा शास्त्रीय की कक्षाएं सोमवार से शुरू हो गया। संस्थान के सहायक कुलसचिव सुनील कुमार ने बताया कि कोरोना काल के बाद संस्थान में आचार्य व शास्त्रीय की कक्षाएं शुरू होने के बाद अब चार वर्षीय शिक्षा शास्त्रीय एवं दो वर्षीय शिक्षा शास्त्रीय का पठन-पाठन सुचारू रूप से शुरू कर दिया गया। चार वर्षीय शिक्षा शास्त्रीय में 25 छात्रों का प्रवेश हुआ। जिसमें कक्षा 12 पास होने के साथ तिब्बती भाषा होना जरूरी है। वही दो वर्षीय शिक्षा शास्त्रीय पाठ्यक्रम में भी 25 छात्रों ने प्रवेश लिया। इसमें स्नातक पास होने के साथ कक्षा 12 तक तिब्बती भाषा की शिक्षा होना अनिवार्य है। अब धीरे धीरे संस्थान में पाठ्यक्रम शुरू होने के साथ ही रौनक भी लौट रही हैं।

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