गंगा में नहीं गिरेगा अस्सी नाले का गंदा पानी, नगवा पंपिंग स्टेशन और एसटीपी के कार्यों का निरीक्षण

जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा ने सोमवार को अस्सी नाले का मलजल रमना एसटीपी को भेजेने वाले नगवा पंपिंग स्टेशन का निरीक्षण किया। इसमें बड़ी खामी सामने आई। यहां नाले को टैप करने के लिए रिटेनिंग वाल ही नहीं बनाई गई थी।

By Abhishek SharmaEdited By: Publish:Tue, 15 Jun 2021 09:17 AM (IST) Updated:Tue, 15 Jun 2021 09:17 AM (IST)
गंगा में नहीं गिरेगा अस्सी नाले का गंदा पानी, नगवा पंपिंग स्टेशन और एसटीपी के कार्यों का निरीक्षण
अस्सी नाले का मलजल रमना एसटीपी को भेजेने वाले नगवा पंपिंग स्टेशन का निरीक्षण किया।

वाराणसी, जेएनएन। जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा ने सोमवार को अस्सी नाले का मलजल रमना एसटीपी को भेजेने वाले नगवा पंपिंग स्टेशन का निरीक्षण किया। इसमें बड़ी खामी सामने आई। यहां नाले को टैप करने के लिए रिटेनिंग वाल ही नहीं बनाई गई थी। डीएम ने मौके पर उपस्थित एस्सेल इंफ्रा कंपनी के इंजीनियर को चेतावनी दी। कहा कि पंद्रह दिन के अंदर इस कार्य को पूरा कराएं। इस कार्य के पूर्ण होने पर अस्सी नाला का गंदा पानी गंगा में नहीं गिरेगा। इससे वाराणसी में गंगा निर्मलीकरण को बल मिलेगा।

जिलाधिकारी सामने घाट स्थित सीवर नालों की टैपिंग भी देखने पहुंचे। सीवर के पानी को गंगा में गिरने से रोकने के लिए यहां नाला कनेक्ट कर डायवर्जन कार्य चल रहा है। कार्य में देरी व लापरवाही पर डीएम ने गंगा प्रदूषण के अवर अभियंता को फटकार लगायी। सीवर गंगा में गिरने से जल्द से जल्द रोकेने का निर्देश दिया। कहा कि गंगा के पानी में गिरने वाले शहर के कुछ बचे नालों की भी टैपिंग की जा रही है। जून तक इसे पूर्ण करा लिया जाएगा।

सामानांतर जल प्रवाह से गंगा के स्वरूप में नहीं होगा परिवर्तन

जिलाधिकारी ने गंगा उस पार बन रही नहर को लेकर स्थिति स्पष्ट की। कहा कि इससे गंगा के स्वरूप में कोई परिवर्तन नहीं होगा। विशेषज्ञों की राय पर इस कार्य को मूर्त रूप दिया जा रहा है। अस्सी घाट पर निरीक्षण के दौरान उन्होंने बताया कि गंगा के प्रवाह के कारण घाट खोखले हो रहे हैं। घाटों का क्षरण हो रहा है, इसे रोकने के लिए समानांतर एक अन्य जल प्रवाह मार्ग विकसित किया जा रहा है। बताया कि सिंचाई विभाग की तकनीकी विशेषज्ञों के परीक्षण के पश्चात् यह प्रोजेक्ट बनाया गया। इससे गंगा के स्वरूप में कोई परिवर्तन नहीं होगा।

गंगा में आए हरे शैवाल हो जाएंगे नष्ट 

गंगा में हरे शैवाल पर जिलाधिकारी ने बताया कि जल निगम, सिंचाई, गंगा प्रदूषण बोर्ड तथा प्रशासनिक अधिकारियों की टीम से जांच कराई गई। इसमें पाया गया कि मीरजापुर में पुरानी तकनीक की एसटीपी से पानी ओवर फ्लो होकर गंगा में आ गया। शैवाल इसी के साथ बह कर आए। गंगा के पानी में उपयुक्त तापमान के कारण तेजी से विकसित हुए। नमामि गंगे के अधिकारियों ने जर्मन कंपनी से संपर्क कर के बायोरेमिडिएशन केमिकल प्राप्त कर नदी में स्प्रे करा रहे हैं। शैवाल सफलतापूर्वक नष्ट हो रहे हैं।

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