वाराणसी के असि घाट पर हवा में पानी बनाने की क्षमता का हुआ आकलन, अध्ययन और प्रदर्शन
हापौर मृदुला जायसवाल ने कहा है कि पानी की कमी भविष्य में होगी। क्योंकि हम इस समय भू जल का दुरुपयोग ज्यादा कर रहे है। ऐसे में हवा से पानी बनाने की योजना कारगर साबित होगी जो भविष्य में जल संरक्षण का एक महत्वपूर्ण साधन साबित होगा।
जागरण संवाददाता, वाराणसी। महापौर मृदुला जायसवाल ने कहा है कि पानी की कमी भविष्य में होगी। क्योंकि हम इस समय भू जल का दुरुपयोग ज्यादा कर रहे है। ऐसे में हवा से पानी बनाने की योजना कारगर साबित होगी जो भविष्य में जल संरक्षण का एक महत्वपूर्ण साधन साबित होगा। उन्होंने ये बातें शुक्रवार को असि घाट पर दी एनर्जी एंड रिसोर्सेस इंस्टिट्यूट, नई दिल्ली के तत्वावधान में हवा से पानी की क्षमता का आकलन अध्ययन व प्रदर्शन के दौरान बतौर मुख्य अतिथि कहीं।
उन्होंने कहा कि यदि इस योजना का आंकलन किया जाएगा। यदि यह सफल हो गई तब इस संबंध में सरकार से बातचीत करके शहर में पेयजल की समस्या के समाधान में इसका प्रयोग व्यापक स्तर पर होगा। हवा से पानी बनाने की मुहिम की शुरुआत पीएम के संसदीय क्षेत्र से होना एक अच्छी बात है। संस्था के क्षेत्रीय समन्वयक डाक्टर श्रेष्ठ तायल ने बताया कि हवा से पानी बनाने की क्षमता का आकलन समुद्री इलाकों में हो चुका है। विशाखा पट्टनम आदि इलाकों में समुद्र के जल को शुद्ध करके पेयजल का विकल्प तैयार किया गया। मैदानी इलाकों में इसकी शुरुआत पीएम के संसदीय क्षेत्र से की जा रही है। इस अवसर पर महापौर ने हवा से पानी बनाने के डेढ़ सौ लीटर क्षमता के संयंत्र मेघदूत का फीता काटकर उद्घाटन करने के बाद पानी का सेवन भी किया। इस दौरान नगर निगम के उप सभापति नरसिंह दास भी उपस्थित थे।अभ्यागतों का स्वागत संजय बोबड़े ने किया।