फर्जी पते से मुख्तार अंसारी के पत्र पर बने थे शस्त्र लाइसेंस, बिना जांच तत्कालीन एसओ ने दी थी स्वीकृति

फर्जी पते पर शस्त्र लाइसेंस जारी कराने के मामले में सदर विधायक मुख्तार अंसारी बुरी तरह फंसते नजर आ रहे हैं। बात यहां तक पहुंच गई है कि इस मामले में सीजेएम कोर्ट ने उन्हें 21 अक्टूबर को कोर्ट में पेश करने का आदेश दिया है।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Publish:Mon, 28 Sep 2020 07:10 AM (IST) Updated:Mon, 28 Sep 2020 09:25 AM (IST)
फर्जी पते से मुख्तार अंसारी के पत्र पर बने थे शस्त्र लाइसेंस, बिना जांच तत्कालीन एसओ ने दी थी स्वीकृति
फर्जी पते पर शस्त्र लाइसेंस जारी कराने के मामले में मुख्तार अंसारी बुरी तरह फंसते नजर आ रहे हैं।

मऊ, जेएनएन। फर्जी पते पर शस्त्र लाइसेंस जारी कराने के मामले में सदर विधायक मुख्तार अंसारी बुरी तरह फंसते नजर आ रहे हैं। बात यहां तक पहुंच गई है कि इस मामले में सीजेएम कोर्ट ने उन्हें 21 अक्टूबर को कोर्ट में पेश करने का आदेश दिया है। इसके लिए जिला पुलिस ने कोर्ट से वारंट बी भी हासिल कर लिया है और उसे तामीला कराकर माफिया विधायक को पंजाब जेल से लाने की कवायद में जुट गई है।

मामला 15 दिसंबर 2001 का है, जब सदर विधायक मुख्तार अंसारी के लेटर पैड पर दक्षिणटोला थाना क्षेत्र के जमालपुरा निवासी इसराइल अंसारी, अनवर सहजाद, सलीम व डोमनपुरा निवासी मुहम्मद शाहआलम के लिए जिलाधिकारी से शस्त्र लाइसेंस का अनुरोध किया गया था। विधायक के रुतबे को देखते हुए तत्कालीन अधिकारियों-कर्मचारियों ने कोई जांच कराना शायद जरूरी नहीं समझा और चारों को शस्त्र जारी कर दिए गए। मामला तब खुला जब एक अभियान के तहत तत्कालीन पुलिस अधीक्षक अनुराग आर्य के निर्देश पर जनवरी 2020 में तत्कालीन अपर पुलिस अधीक्षक एसके श्रीवास्तव द्वारा जनपद से जारी शस्त्रों का सत्यापन किया जा रहा था। इसमें दक्षिणटोला थाने में जारी चारों लाइसेंस फर्जी पाए गए।

शस्त्र लाइसेंस के लिए गलत नाम व पते का प्रयोग किया गया पाया गया। पता चला कि दिए गक्षए पते पर उस नाम का कोई व्यक्ति रहता ही नहीं है। अपर पुलिस अधीक्षक ने पूरी रिपोर्ट तत्कालीन पुलिस अधीक्षक अनराुग आर्य को सौंप दी थी। पुलिस अधीक्षक के निर्देश पर 05 जनवरी को थानाध्यक्ष दक्षिणटोला निहार नंदन ने विधायक सदर मुख्तार अंसारी, तत्कालीन एसओ, लेखपाल सहित शस्त्रधारकों पर एफआइआर दर्ज कराई। बाद में उन्हें पुलिस ने जब ट्रेस करना शुरू किया तो मालूम हुआ कि चारों शस्त्रधारक माफिया विधायक के गृह जनपद गाजीपुर के मुहम्मदाबाद थाना क्षेत्र के रहने वाले हैं। चारों विधायक के अत्यंत करीबी और उनके शूटरों में शामिल आपराधिक गतिविधियों में लिप्त रहने वालों में हैं। इनमें से एक शस्त्र लाइसेंस धारक शाह आलम की पुलिस मुठभेड़ में मौत भी हो चुकी है। पुलिस अभी इन शस्त्र धारकों तक पहुंच नहीं सकी है।

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