महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ में भी स्थायी कुलपति की नियुक्ति जल्द, अध्यापकों की निगाहें राजभवन पर टिकी

संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय के बाद अब महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ में भी स्थायी कुलपति नियुक्ति जल्द होने की संभावना जताई जा रही है। वर्तमान में राजेंद्र सिंह (रज्जू भईया) राज्य विश्वविद्यालय (प्रयागराज) के कुलपति प्रो. अखिलेश कुमार सिंह के पास विद्यापीठ के वीसी का भी चार्ज है।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Publish:Thu, 10 Jun 2021 08:50 AM (IST) Updated:Thu, 10 Jun 2021 08:50 AM (IST)
महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ में भी स्थायी कुलपति की नियुक्ति जल्द, अध्यापकों की निगाहें राजभवन पर टिकी
अब महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ में भी स्थायी कुलपति नियुक्ति जल्द होने की संभावना जताई जा रही है।

वाराणसी, जेएनएन। संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय के बाद अब महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ में भी स्थायी कुलपति नियुक्ति जल्द होने की संभावना जताई जा रही है। इसे लेकर विद्यापीठ में अटकलें तेज हो गई है। विद्यापीठ के अध्यापकाें का मनना है कि एक सप्ताह के भीतर काशी विद्यापीठ को भी स्थायी कुलपति मिलना लगभग तय है। बहरहाल अध्यापकों की निगाहें राजभवन पर टिकी हुई है। वर्तमान में राजेंद्र सिंह (रज्जू भईया) राज्य विश्वविद्यालय (प्रयागराज) के कुलपति प्रो. अखिलेश कुमार सिंह के पास विद्यापीठ के वीसी का भी चार्ज है।

काशी विद्यापीठ के कुलपति प्रो. टीएन सिंह का तीन वर्षों का कार्यकाल तीन मई व संस्कृत विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. राजाराम शुक्ल का कार्यकाल 23 मई को पूरा हुआ था। दाेनों विश्वविद्यालयों में कुलपति की नियुक्ति की प्रक्रिया लगभग एक साथ शुरू हुई थी। कोरोना काल में चयन प्रक्रिया में हो रही देरी को देखते हुए कुलाधिपति ने अग्रिम आदेश तक के लिए दूसरे राज्य विश्वविद्यालयों के कुलपतियों को चार्ज सौंपा था। वहीं स्थायी कुलपति की नियुक्ति के लिए राजभवन ने चयन प्रक्रिया तेज कर दी है। कोरोना महामारी को देखते हुए राजभवन ने गत दिनों ऑनलाइन सर्च कमेटी की बैठक बुलाई थी। यहीं नहीं साक्षात्कार भी आॅनलाइन हुआ था। इस क्रम में राजभवन ने बुधवार को श्री लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय (नई दिल्ली) के प्रो. हरेराम त्रिपाठी को संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय का कुलपति नियुक्त करने का आदेश भी जारी कर दिया।

प्रो. हरेराम त्रिपाठी को संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय का स्थायी कुलपति नियुक्त

राज्यपाल व कुलाधिपति आनंदीबेन पटेल ने लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय (नई दिल्ली) के प्रो. हरेराम त्रिपाठी को संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय का स्थायी कुलपति नियुक्त की हैं। कुलाधिपति ने उनकी नियुक्ति कार्यभार ग्रहण करने की तिथि से तीन वर्षों के लिए की हैं। कुलाधिपति की ओर से बुधवार को आदेश जारी होने के बाद स्थायी कुलपति की नियुक्ति को लेकर अटकलें समाप्त हो गई। संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. राजाराम शुक्ल का तीन वर्षों का कार्यकाल 23 मई को समाप्त ही समाप्त हो गया था। कोरोना काल में नियुक्ति प्रक्रिया में हो रही देरी को देखते हुए कुलाधपति ने नियमित कुलपति की नियुक्ति होने तक लखनऊ विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. आलोक कुमार राय को संस्कृत विश्वविद्यालय के वीसी का अतिरिक्त चार्ज सौंपा है। वहीं अब प्रो. हरेराम त्रिपाठी विश्वविद्यालय के 35वें कुलपति होंगे। प्रो. त्रिपाठी अगले सप्ताह में कार्यभार ग्रहण कर सकते हैं। ‘जागरण प्रतिनिधि’ से बातचीत करते हुए उन्होंने बताया कि पहली प्राथमिकता राष्ट्रीय शिक्षा नीति के क्रियान्वयन व शास्त्रों की रक्षा करना होगा। नई शिक्षा नीति के अनुरूप पाठ्यक्रमों का निर्माण कराया जाएगा। शास्त्राें को जनमानस तक पहुंचाने के लिए संस्कृत उन्मोमुखी अर्थात संस्कृत को और सरल बनाने का प्रयास होगा। शासन व राजभवन के निर्देश पर 15 अगस्त से पहले शास्त्री-आचार्य की परीक्षा भी करा ली जाएगी।

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