वाराणसी में न्यूरोसर्जरी की ओपीडी चलाएगा अपोलो हास्पिटल, कंसल्‍टेंट न्‍यूरोसर्जन देंगे परामर्श

अपोलो सुपरस्पेशियालिटी हास्पिटल लखनऊ के सीईओ डॉ. मयंक सोमानी ने बताया कि अपोलो हॉस्पिटल ग्रुप देश का सबसे बड़ा हेल्थ केयर ग्रुप है जो पिछले कई दशकों से देश विदेश के लोगों को उत्कृष्ट चिकित्सा सेवाएं उपलब्ध करा रहा है।

By Abhishek SharmaEdited By: Publish:Sat, 27 Nov 2021 01:56 PM (IST) Updated:Sat, 27 Nov 2021 01:56 PM (IST)
वाराणसी में न्यूरोसर्जरी की ओपीडी चलाएगा अपोलो हास्पिटल, कंसल्‍टेंट न्‍यूरोसर्जन देंगे परामर्श
अपोलो सुपरस्पेशियालिटी हास्पिटल कई दशकों से देश विदेश के लोगों को उत्कृष्ट चिकित्सा सेवाएं उपलब्ध करा रहा है।

वाराणसी, जागरण संवाददाता। न्यूरो रोग (नर्वस सिस्टम या तंत्रिका तंत्र) सम्बंधित समस्या से जूझ रहे रोगियों और उनके तीमारदारों के लिए राहत भरी खबर है। अब उन्हें इलाज के लिए उत्तर प्रदेश के बाहर दिल्ली, मुंबई जैसे बड़े शहरों में नहीं जाना पडे़गा। न्यूरो (मस्तष्क व तंत्रिका समबन्धी) एवं स्पाइन (रीढ़ की हड्डी) की जटिल समस्याओं जैसे ब्रेन ट्यूमर, दिमाग में खून का रिसाव या थक्के (ब्लड क्लॉट), रीढ़ की हड्डी का ट्यूमर, रीढ़ की हड्डी में चोट या टेढ़ापन, बच्चों की रीढ़ की हड्डी का फोड़ा, बच्चों के बढे सर का इलाज आदि के लिए अपोलो हॉस्पिटल लखनऊ के श्रेष्ठ न्यूरो विशेषज्ञ द्वारा वाराणसी के सिटी न्यूरोलॉजी सेंटर में विशेष ओपीडी प्रत्येक माह के चौथे शनिवार को सुबह 10 बजे से 2 बजे के बीच होगी। ओपीडी में अपोलो हास्पिटल लखनऊ के सीनियर कंसेल्टेंट न्यूरोसर्जरी डॉ सुनील कुमार सिंह मरीजों को चिकित्सकीय परामर्श देंगे।

अपोलो सुपरस्पेशियालिटी हास्पिटल लखनऊ के सीईओ डॉ. मयंक सोमानी ने बताया कि अपोलो हॉस्पिटल ग्रुप देश का सबसे बड़ा हेल्थ केयर ग्रुप है जो पिछले कई दशकों से देश विदेश के लोगों को उत्कृष्ट चिकित्सा सेवाएं उपलब्ध करा रहा है। अपोलो हॉस्पिटल लखनऊ में हम एक ही छत के नीचे सभी सुपरस्पेशलिटी सेवाएं प्रदेश व आस पास के लोगों को मुहैया करवा रहे हैं। किडनी ट्रांसप्लांट, लिवर ट्रांसप्लांट, ब्रेन स्ट्रोक मैनेजमेंट, कैंसर का सम्पूर्ण इलाज के साथ-साथ विश्वस्तरीय आई सी यू एवं 24x7 इमरजेंसी व ट्रामा आदि की सुविधाएं अब लखनऊ में ही उपलब्ध है जिसके लिए पहले लोगों को दिल्ली, मुंबई जैसे बड़े शहरों की और रुख करना पड़ता था। अपोलोमेडिक्स लखनऊ में हम लिविंग डोनर व मृत डोनर (ब्रेन डेड) विधि से ऑर्गन ट्रांसप्लांट भी कर रहे हैं।

इस विशेष सुपरस्पेशलिटी ओपीडी के माध्यम से वाराणसी व उसके आस-पास के निवासियों को मिलेगी न्यूरो सम्बंधित सभी समस्याओं के लिए सुपरस्पेशलिटी परामर्श की सुविधा वाराणसी में ही उपलब्ध हो जाएगी। साथ ही मस्तिष्क व रीढ़ की हड्डी की जटिल सर्जरी की सम्पूर्ण सुविधा अपोलो हॉस्पिटल लखनऊ में ही उपलब्ध हो जाएगी जिसके लिए पहले उन्हें दूसरे राज्यों की ओर रुख करना पड़ता था।

सिटी न्यूरोलॉजी सेंटर वाराणसी के चेयरमैन डॉ ए जेड अंसारी ने बताया "यह हमारे लिए गर्व की बात है कि अपोलो हॉस्पिटल लखनऊ जैसा प्रतिष्ठित संस्थान अब वाराणसी के निवासियों को सुपरस्पेशलिटी चिकित्सा सेवाएं उपलब्ध कराएगा। यह विशेष सुपरस्पेशलिटी ओपीडी हर महीने के पहले शनिवार को हमारे हॉस्पिटल में आयोजित की जाएगी। हम आशा करते हैं कि इस ओपीडी की सहायता से हम न्यूरो के गंभीर रोगियों को उत्कृष्ट चिकित्सा सेवाएं उपलब्ध करवा पाएंगे और साथ ही जिन रोगियों को किसी ऐसी सर्जरी या उपचार की आवश्यकता है जो वाराणसी में संभव नहीं है तो उन्हें लखनऊ में ही विश्वस्तरीय उपचार सुविधाएं मिल पाएंगी जिसके लिए पहले उन्हें दूसरे राज्यों की ओर रुख करना पड़ता।

इसके अलावा ब्रेन ट्यूमर, दिमाग में खून का रिसाव या थक्के (ब्लड क्लॉट), रीढ़ की हड्डी का ट्यूमर, रीढ़ की हड्डी में चोट या टेढ़ापन, बच्चों की रीढ़ की हड्डी का फोड़ा, बच्चों के बढे सर के इलाज के साथ साथ मस्तिष्क व रीढ़ की हड्डी के कैंसर इलाज हेतु परामर्श की सुविधा भी इस सुपरस्पेशलिटी ओपीडी में मिलेगी।आपोलोमेडिक्स हास्पिटल लखनऊ के न्यूरोसर्जरी के सीनियर कंसेल्टेंट डॉ सुनील कुमार सिंह ने कहा न्यूरो सम्बन्धी समस्याएं बहुत जटिल होती हैं। कई बार रोगी समझ नहीं पाता की उसकी समस्या न्यूरो से सम्बंधित है और समय पर इलाज न करवा पाने के कारण उसकी समस्या गंभीर हो जाती है जो आगे चल के जानलेवा भी साबित हो सकती है। साथ ही आसीन जीवन शैली, व्यायाम की कमी और गलत पोजीशन में लम्बे समय तक बैठे रहने के कारण कमर में दर्द और रीढ़ की हड्डी की समस्याएं भी आम हो गयी हैं। लोग न्यूरोसर्जरी और स्पाइन सर्जरी को ले कर काफी घबराते हैं परन्तु अत्याधुनिक तकनीक की सहायता से अब इस तरह की सर्जरी बहुत आसान और प्रभावी हो गयी हैं। अपोलो लखनऊ में इस प्रकार सभी सर्जरी लैप्रोस्कोपी (दूरबीन) की सहायता से होती हैं जी कारण रोगी को अधिक रक्तस्त्राव नहीं होता और वह अपनी सामान्य दिनचर्या में जल्दी वापस आ जाता है।

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