अनुप्रिया पटेल को ऐसे ही नहीं मिला मंत्री पद, पूर्वांचल में उनके प्रयासों से आया है व्यापक बदलाव
आम जनमानस में उनकी छवि न सिर्फ एक अच्छी नेता के रूप में है बल्कि मीरजापुर में वह विकासशील सांसद के रूप में जानी जाती हैं। अब दूसरी बार केंद्रीय मंत्री बनने पर जनपदवासियों को खुशी के साथ ही विकास की उम्मीदें भी हैं।
जागरण संवाददाता, मीरजापुर। नई दिल्ली में राष्ट्रपति राम नाथ कोविन्द ने मंत्रियों को शपथ दिलाई तो उसमें पूर्वांचल से एक नाम और चेहरा अनुप्रिया पटेल का भी था। पूर्वांचल में अलग पहचान बनाने वाली अपना दल (एस) की राष्ट्रीय अध्यक्ष व सांसद अनुप्रिया पटेल एक बार फिर मंत्री बनकर जनपद को विकास की राह पर ले जाने को तैयार हैं। आम जनमानस में उनकी छवि न सिर्फ एक अच्छी नेता के रूप में है, बल्कि मीरजापुर में वह विकासशील सांसद के रूप में जानी जाती हैं। अब दूसरी बार केंद्रीय मंत्री बनने पर जनपदवासियों को खुशी के साथ ही विकास की उम्मीदें भी हैं। वहीं उनके मंत्री बनने की जानकारी होने के बाद संसदीय क्षेत्र मीरजापुर के समर्थकों में काफी उत्साह सुबह से नजर आया।
पहली बार केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्यमंत्री बनने पर सांसद अनुप्रिया पटेल जनपद को विकास की राह पर ले गईं। उन्होंने मेडिकल कालेज के साथ ही रेलवे स्टेशन पर स्वचालित सीढ़ी व दक्षिणी प्रवेश द्वार बनवाने का कार्य शुरू कराया। इसके अलावा चुनार किला व जान्हवी होटल का सुंदरीकरण कराया गया। पूर्व राज्यमंत्री ने अपने कार्यकाल के दौरान स्वास्थ्य विभाग को एक बड़ी उपलब्धि दिलाई। जनपद में डायलिसिस सेंटर लाकर सबसे बड़ा कार्य किया। इससे लोगों को वाराणसी-प्रयागराज जाने से छुटकारा मिला।
यही नहीं, किडनी के मरीजों को काफी फायदा हुआ। मंडलीय चिकित्सालय में सिटी स्कैन मशीन लगवाने के लिए भी प्रयासरत थीं। इसी बीच 2019 का चुनाव आ गया और यह मशीन आते-आते रह गई। उनके दोबारा मंत्री बनने पर जनपदवासियों को एक बार फिर विकास रथ पर चलने की आशाएं बढ़ गईं हैं। हर किसी के मन में जिले में रोजगार के लिए कोई फैक्ट्री लगवाने की इच्छा है। अगर ऐसा हुआ तो निश्चित रूप से वह जिले की पहली सांसद व मंत्री होंगी, जिन्होंने अपने कार्यकाल के दौरान विकास की ऊंचाइयों को छूने का प्रयास किया।
गुरुवार को उन्होंने दो ट्वीट कर लिखा है कि - राष्ट्रपति भवन, नई दिल्ली में आदरणीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी की कैबिनेट में एकबार पुनः देश की मंत्री के रूप में सेवा करने का अवसर प्राप्त हुआ है। इसके लिए आदरणीय प्रधानमंत्री जी एवं गृहमंत्री श्री अमित शाह जी का धन्यवाद प्रकट करती हूं। आप सभी को विश्वास दिलाती हूं कि जनहित हेतु दी गयी सभी ज़िम्मेदारियों का पालन करते हुए समाज के वंचित व शोषित वर्गों के कल्याण और उत्थान के लिए निरंतर संकल्परत रहूंगी।
मीरजापुर के लिए बड़ा तोहफा था जीवन रेखा एक्सप्रेस : पूर्व केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्यमंत्री ने अपने कार्यकाल के दौरान जनपद को एक और तोहफा दिया था। उस समय जीवन रेखा एक्सप्रेस लाकर खड़ा कर दिया। इसमें कैंसर जैसी बीमारी से लेकर शुगर, किडनी, हार्ट आदि रोगों का इलाज कराया गया। इसमें देश के बड़े-बड़े विशेषज्ञ इलाज को आए थे। इस परियोजना के माध्यम से सांसद ने जनपद में अपनी खास वजह बनाई। यही वजह रही कि जनपदवासियों ने उन्हें दोबारा सांसद चुना।
खिलाड़ियों के लिए अनुप्रिया बनीं पसंदीदा सांसद : अंतरराष्ट्रीय स्तर पर चंदे के पैसों से देश-प्रदेश का नाम रोशन करने वाली पावर लिफ्टर निधि सिंह पटेल का भी पूर्व केंद्रीय राज्यमंत्री अनुप्रिया पटेल ने सहयोग किया। 25 लाख रुपये का सहयोग कर उसे विदेश भेजा। यही नहीं, उसके आने-जाने का टिकट भी कराया। इससे अनुप्रिया पटेल खिलाड़ियों के लिए पसंदीदा सांसद बन गईं।
जनता के बीच सक्रियता : कुछ वर्ष पूर्व उनकी नाव से गिरने की तस्वीर वायरल हुई थी, दरअसल वह बाढ़ के दौरान आम जनता के बीच समस्याओं के निस्तारण के लिए उस समय पहुंची हुई थीं। इस दौरान उनका पैर फिसल गया था। सिर्फ बाढ़ ही क्यों शायद ही कोई मौका हो जब वह जनता के बीच नहीं पहुंच पाती होंं। किसी कारणवश उनका पहुंचना नहीं हो पाया तो उनके प्रतिनिधि जरूर मौजूद रहते हैं।
मीरजापुुर का सम्मान पहले : मीरजापुर वेब सीरीज में गाली गलौज और मारपीट को लेकर मीरजापुर की खराब हो रही छवि को लेकर उन्होंने राज्य से लेकर केंद्र सरकार तक अर्जी लगाकर मीरजापुर की छवि को बदनाम करने की साजिश के खिलाफ मोर्चा खोला था।
भाजपा से नजदीकियां : अनुप्रिया पटेल की पार्टी अपना दल भाजपा के काफी करीब रहा है। पिछली सरकार में भी वह भाजपा में शामिल थीं। सुभासपा सरीखे छोटे दल के भाजपा से दूरी के बीच अपना दल ही भाजपा का बड़ा सहयोगी पूर्वांचल में है। ऐसे में यूपी में विधान सभा चुनाव के पूर्व अपना दल को साधने की भी संभावनाएं विपक्षी जता रहे हैं।
युवा मंत्रियों में शुमार थीं सांसद अनुप्रिया पटेल : सांसद अनुप्रिया पटेल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पिछली सरकार में सबसे युवा मंत्रियों में शुमार थीं। भारत की सोलहवीं लोकसभा में सांसद बनी अनुप्रिया पटेल के प्रयास से जनपद को मेडिकल कालेज की सौगात मिली। स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्यमंत्री के रूप में कार्य करते समय उन्होंने चिकित्सा विभाग में काफी बदलाव किया। पिता के निधन के बाद उनकी माता कृष्णा पटेल अपना दल पार्टी की अध्यक्ष बनीं, लेकिन कुछ विवादों के चलते उन्होंने मां से अलग होकर अपना दल (एस) का गठन किया। वर्तमान में वह पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं।
अपना दल की राष्ट्रीय अध्यक्ष अनुप्रिया पटेल ने राजनीतिक करियर की शुरुआत वर्ष 2012 के चुनाव से वाराणसी के रोहनिया विधानसभा से किया। यहां उन्होंने वर्ष 2012 के विधानसभा चुनाव में पीस पार्टी आफ इंडिया और बुंदेलखंड कांग्रेस के साथ गठबंधन कर चुनाव लड़ा था। रोहनिया से वह विधानसभा सदस्य के रूप में चुनी गई थीं। इसके बाद राजनैतिक सफर निरंतर आगे बढ़ता चला गया। वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव में मीरजापुर निर्वाचन क्षेत्र से वह भाजपा के साथ गठबंधन कर चुनाव लड़ीं और सांसद चुनी गईं। इसके बाद वर्ष 2019 में भाजपा गठबंधन से दोबारा लोकसभा चुनाव लड़कर वह पुन: मीरजापुर से सांसद चुनी गईं। पिता व अपना दल के संस्थापक डा. सोनेलाल पटेल और माता कृष्णा पटेल की लाडली रही हैं। सांसद अनुप्रिया पटेल का जन्म कानपुर में 28 अप्रैल 1981 को हुआ था। इनकी शिक्षा दीक्षा लेडी श्रीराम महिला महाविद्यालय से हुई है। इन्होंने मनोविज्ञान व बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन (एमबीए) में मास्टर डिग्री की है। इनका विवाह पूर्व इंजीनियर व वर्तमान एमएलसी आशीष कुमार सिंह से हुआ है। वर्तमान समय में राजनीति दृष्टि से पटेल वर्ग में इनकी लोकप्रिय छवि बनी हुई है।
नाम : अनुप्रिया पटेल
जन्म : 28 अप्रैल 1981
स्थान : कानपुर
शिक्षा : लेडी श्रीराम महिला महाविद्यालय
मास्टर डिग्री : मनोविज्ञान व बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन (एमबीए)
राजनीतिक पार्टी : अपना दल (एस)
पिता : स्व. सोनेलाल पटेल
माता : कृष्णा पटेल
पति : एमएलसी आशीष कुमार सिंह
पूर्व विधानसभा सदस्य : वर्ष 2012 रोहनिया, वाराणसी
सांसद : मीरजापुर
कार्यकाल : वर्ष 2014 से अब तक
पूर्व राज्यमंत्री : स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण