वाराणसी में संचारी रोग रोकने के लिए बनीं एंटी लार्वल टीमें, आपके घर दस्तक देंगी आशा व आंगनबाड़ी कार्यकर्ता

संचारी रोग नियंत्रण के लिए स्वास्थ्य विभाग 19 अक्टूबर से एक कार्यक्रम की शुरुआत करने जा रहा है। हालांकि यह कार्यक्रम सोमवार को ही शुरू होने वाला था। यह आयोजन 17 नवंबर तक विशेष अभियान के रूप में चलाया जाएगा।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Publish:Mon, 18 Oct 2021 08:52 PM (IST) Updated:Mon, 18 Oct 2021 08:52 PM (IST)
वाराणसी में संचारी रोग रोकने के लिए बनीं एंटी लार्वल टीमें, आपके घर दस्तक देंगी आशा व आंगनबाड़ी कार्यकर्ता
संचारी रोग नियंत्रण के लिए स्वास्थ्य विभाग 19 अक्टूबर से एक कार्यक्रम की शुरुआत करने जा रहा है।

जागरण संवाददाता, वाराणसी। संचारी रोग नियंत्रण के लिए स्वास्थ्य विभाग 19 अक्टूबर से एक कार्यक्रम की शुरुआत करने जा रहा है। हालांकि यह कार्यक्रम सोमवार को ही शुरू होने वाला था। यह आयोजन 17 नवंबर तक विशेष अभियान के रूप में चलाया जाएगा।

मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. वीबी सिंह ने कहा कि एक नवंबर तक “दस्तक” के तहत आशा/आंगनबाड़ी कार्यकर्ता घर–घर सर्वे कर टीबी, बुखार व कुपोषित बच्चों की भी खोज करेंगी। बुखार या कोई अन्य चिकित्सीय समस्या उत्पन्न होने पर अपने नजदीकी चिकित्सा इकाई में चिकित्सक को दिखाने की सलाह देंगे।

बताया कि इस कार्य के लिए शहरी क्षेत्र में कुल 41 टीमें एंटी लार्वल का कार्य करेंगी। इसके अतिरिक्त 50 ब्रीडिंग चेकर टीम शहरी क्षेत्रों के लिए हायर की गई हैं। ये टीमें घर-घर जाकर लार्वा ब्रीडिंग की चेकिंग करेंगी। अभियान के तहत सर्दी, जुखाम व बुखार पीड़ित, टीबी रोगी, डेंगू आदि के लक्षण वालों के साथ ही कुपोषित बच्चों की सूची तैयार कर उपचार के लिए उनकी सैंपल और स्लाइड तैयार किए जाएंगे। ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य विभाग व पंचायतीराज विभाग के सहयोग से गांवों में एन्टीलार्वा का छिड़काव कराया जाएगा। उन्होंने बताया कि जिले में अब तक 156 डेंगू के पुष्ट मरीज पाए गए हैं।

जिला मलेरिया अधिकारी शरत चंद पांडेय ने बताया कि जिले स्तर पर व सभी ब्लाक स्तर पर टीमें गठित की गई हैं। जहां पर डेंगू के केस निकल रहे हैं वहां पर निरोधात्मक कार्यवाही की जाएगी। संचारी रोग नियंत्रण अभियान के लिए समस्त प्रचार-प्रसार की सामग्री जनपद के समस्त प्लानिंग चिकित्सा इकाइयों को उपलब्ध करा दी गई हैं। इस अभियान में स्वयंसेवी संस्थाओं, पंचायती राज विभाग, ग्राम्य विकास, शिक्षा विभाग, आइसीडीएस विभाग, नगर निकाय, वन विभाग, कृषि विभाग, विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) व यूनिसेफ का भी सहयोग रहेगा।

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