काशी हिंदू विश्वविद्यालय वाराणसी में कल से भारतीय मृदा विज्ञान समिति का वार्षिक अधिवेशन शुरू

हरित क्रान्ति के पांच दशक बाद कृषि तकनीकियों के अवैज्ञानिक प्रयोग से न केवल मृदा स्वास्थ्य प्रभावित हुआ है परन्तु पर्यावरण पर भी प्रतिकुल प्रभाव पड़ा है।

By Abhishek SharmaEdited By: Publish:Thu, 14 Nov 2019 02:13 PM (IST) Updated:Thu, 14 Nov 2019 05:00 PM (IST)
काशी हिंदू विश्वविद्यालय वाराणसी में कल से भारतीय मृदा विज्ञान समिति का वार्षिक अधिवेशन शुरू
काशी हिंदू विश्वविद्यालय वाराणसी में कल से भारतीय मृदा विज्ञान समिति का वार्षिक अधिवेशन शुरू

वाराणसी, जेएनएन। भारतीय मृदा विज्ञान समिति नई दिल्ली तथा मृदा विज्ञान एवं कृषि रसायन विभाग, कृषि विज्ञान संस्थान, काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के संयुक्त तत्वाधान में 'मृदा विज्ञान में विकास' विषय पर समिति का 84 वां वार्षिक सम्मेलन दिनांक 15 से 18 नवंबर 2019 को कृषि प्रेक्षा गृह में आयोजित किया जा रहा है। इस संबंध में गुरुवार को आयोजित पत्रकार वार्ता में सम्मेलन के आयोजन सचिव प्रो. एसके सिंह ने बताया कि सम्मेलन के दौरान देश और विदेश के प्रमुख मृदा वैज्ञानिक- मृदा उर्वरता तथा पौध पोषण, कृषि रसायन एवं कृषि अभियान्त्रिकी एवं तकनीकी, मृदा जैविकी, मृदा स्वास्थ्य एवं फसल उत्पादकता तथा मृदा प्रबंधन में शिक्षण जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर अपने शोध-पत्र प्रस्तुत करने के साथ ही गंभीर चिंतन भी करेंगे।

ज्ञातव्य हो कि हरित क्रान्ति के पांच दशक बाद कृषि तकनीकियों के अवैज्ञानिक प्रयोग से न केवल मृदा स्वास्थ्य प्रभावित हुआ है परन्तु पर्यावरण पर भी प्रतिकुल प्रभाव पड़ा है। जिसके कारण फसलों की उत्पादकता तथा मृदा स्वास्थ्य प्रभावित हुआ है। बताया कि इस सम्मेलन के दौरान आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और सेंसर के प्रयोग से आकड़ों के परीक्षण विषय पर विशेष व्याख्यान का आयोजन किया गया है। सम्मेलन में 600 से अधिक वैज्ञानिक एवं छात्र अपने शोध पत्र प्रस्तुत करेंगे। देश के प्रमुख मृदा वैज्ञानिक एवं प्रो. जे.सी. कटियाल, डॉ. एसके पाटिल, बीएस द्विवेदी, टी. विश्वास, डा. जगदीश प्रसाद एवं डा. एन.एस. परिचा युवा मृदा वैज्ञानिकों का मार्ग दर्शन करेंगे।

पत्रकार वार्ता में अपने विचार रखते हुए भारतीय मृदा विज्ञान समिति के सचिव प्रो. डीआर विश्वास ने समिति की उपलब्धियों तथा भारतीय कृषि में इसके प्रभावों पर विस्तृत चर्चा की। संकाय प्रमुख प्रो. एपी सिंह, विभागाध्यक्ष प्रो. प्रियकर राहा, सम्मेलन के प्रेस एवं पब्लिकेशन समिति के अध्यक्ष प्रो. निर्मल डे तथा संस्थान के मीडिया प्रकोष्ठ के समन्वयक प्रो. रमेश कुमार सिंह ने भी पत्रकारों से अपने विचार साझा किया। सम्मेलन के उद्घाटन सत्र के मुख्य अतिथि डा. मंगला राय पूर्व सचिव एवं महानिदेशक कृषि अनुसंधान परिषद, नई दिल्ली तथा विशिष्ट अतिथि डा. जेसी कटियाल, पुर्व महानिदेशक संसाधन प्रबंधन, कृषि अनुसंधान परिषद, नई दिल्ली होंगे। उद्घाटन सत्र की अध्यक्षता प्रो. राकेश भटनागर कुलपति, काशी हिन्दू विश्वविद्यालय करेंगे।

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