आजमगढ़ में प्याज की खेती कर आर्थिक रूप से समृद्ध होंगे अन्नदाता, आय दोगुनी करने की तैयारी

किसान परंपरागत खेती से हटकर प्याज की खेती कर दोगुनी आय करेंगे। अधिक उत्पादन होगा तो अन्नदाता आर्थिक रूप से समृद्ध होंगे तो प्याज के महंगा होने पर आंसू नहीं निकलेंगे। राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के अंतर्गत सरकार ने औद्यानिक विकास परियोजना के अंतर्गत कार्ययोजना प्रस्तावित कर दी है।

By Abhishek SharmaEdited By: Publish:Thu, 22 Jul 2021 11:24 AM (IST) Updated:Thu, 22 Jul 2021 11:24 AM (IST)
आजमगढ़ में प्याज की खेती कर आर्थिक रूप से समृद्ध होंगे अन्नदाता, आय दोगुनी करने की तैयारी
धनराशि जारी करने के साथ ही खेती का क्षेत्रफल भी निर्धारित कर दिया गया है

जागरण संवाददाता, आजमगढ़। किसान परंपरागत खेती से हटकर प्याज की खेती कर दोगुनी आय करेंगे। अधिक उत्पादन होगा तो अन्नदाता आर्थिक रूप से समृद्ध होंगे तो प्याज के महंगा होने पर आंसू नहीं निकलेंगे। राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के अंतर्गत सरकार ने औद्यानिक विकास परियोजना के अंतर्गत कार्ययोजना प्रस्तावित कर दी है। धनराशि जारी करने के साथ ही खेती का क्षेत्रफल भी निर्धारित कर दिया गया है। उद्यान विभाग की तरफ से प्याज की नर्सरी भी उपलब्ध कराई जाएगी लेकिन प्रथम आवक और प्रथम पावक के सिद्धांत के आधार उद्यान विभाग के पोर्टल पर पंजीकरण कराना अनिवार्य होगा।

सरकार ने प्रदेश के 26 जिलोें के लिए खरीफ मौसम में प्याज उत्पादन कार्यक्रम के लिए अनंतिम भौतिक व वित्तीय लक्ष्य निर्धारित किया है। कुल 50 करोड़, 72 लाख, आठ हजार रुपये की प्रस्तावित कार्ययोजना के अंतर्गत 2500 हेक्टेयर प्याज उत्पादन का लक्ष्य निर्धारित है। कार्यक्रम के अंतर्गत खरीफ के मौसम में एक हजार हेक्टेयर प्याज का उत्पादन किया जाना है। प्रभारी उद्यान अधिकारी दिनेश कुमार सिंह ने बताया कि 12 हजार रुपये प्रति हेक्टेयर सरकार से देय होगा लेकिन प्याज की नर्सरी के लिए किसानों को उद्यान विभाग के पोर्टल पर पंजीकरण कराना जरूरी है। कृषि विभाग के पोर्टल पर कराया गया पंजीकरण मान्य नहीं होगा। याेजना के लाभ के लिए 15 दिन का समय निर्धारित किया गया है।

योजना का रुख परवान चढ़ा तो आने वाले दिनों में प्‍याज की खेती मुनाफे वाली साबित होगी और इसका लाभ आम जनता को भी होगा। वहीं कीमतों में कमी होने से आम जनता प्‍याज के आंसू नहीं रोएगी। प्‍याज की खेती का लाभ आखिरकार जनता और किसान दोनों को ही मिलेगा। इसके लिए उद्यान विभाग के पोर्टल पर पंजीकरण का भी दौर शुरू हो चुका है। योजना का लाभ भी पोर्टल में पंजीकरण कराने के पखवारे भर बाद ही मंडल के किसानों को मिलने लगेगा।  

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