वाराणसी में मानदेय के लिए भटक रहीं एएनएम, सीएमओ कार्यालय पहुंचकर सौंपा ज्ञापन
आरोप लगाया कि सामान्य कार्य व सामान्य वेतन नहीं लागू किया गया है। एएनएम को एक साथ चार कार्य करना पड़ रहा है। इसके कारण टीकाकरण गर्भवती का टीकाकरण आरसीएच पोर्टल पर फीड करने का कार्य भी बढ़ गया है।
वाराणसी, जागरण संवाददाता। कोरोना काल में अतिरिक्त किए कार्य का मानदेय के लिए एएनएम भटक रही हैं। इसकी मांग को लेकर दर्जनभर से अधिक एएनएम दुर्गाकुंड स्थित मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय पहुंची थीं। इस संबंध में अधिकारियों को एक ज्ञापन भी सौंपा।
एएनएम ने बताया कि कोविड-19 वैक्सीनेशन का कार्य वह 17 जनवरी से चल रहा है। गाइड लाइन आया कि वैक्सीनेशन पर 500 रुपये व वेरीफाई करने पर 300 रुपये मिलेगा। हालांकि आजतक इसका भुगतान नहीं हुआ। यह भी आरोप लगाया कि किसी भी एएनएम को अभी तक छह वर्षों में ईपीएफ अकाउंट नंबर नहीं मिला, जबकि हर माह वेतन से 2300 रुपये कटता है। इसका आज तक कोई पता नहीं चला। सीएमओ को सौंपे गए ज्ञापन में कहा कि 96 एएनएम की ज्वाइनिंग 27 मार्च 2015 को हुई थी। अभी दो वर्षों से अभी तक वेतन में मात्र पांच फीसद ही बढ़ोत्तरी हो पाई है। आरोप लगाया कि सामान्य कार्य व सामान्य वेतन नहीं लागू किया गया है। एएनएम को एक साथ चार कार्य करना पड़ रहा है। इसके कारण टीकाकरण गर्भवती का टीकाकरण आरसीएच पोर्टल पर फीड करने का कार्य भी बढ़ गया है। ऐसे में एएनएम ने मांग किया कि टीकाकरण, आरसीएच पोर्टर पर डेटा फीडिंग के बाद सभी को भुगतान नहीं मिल रहा है।
उधर, कोरोना के नए वैरिएंट ओमिक्रोन को देखते हुये जिला प्रशासन व स्वास्थ्य विभाग ने बचाव की प्रक्रिया तेज कर दी है। बाबतपुर हवाईअड्डे पर स्वास्थ्य विभाग की टीम पूरी तरह से अलर्ट मोड पर है। मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. राहुल सिंह ने बताया कि विदेशों खासकर दक्षिण अफ्रीका, जर्मनी, ब्रिटेन, नीदरलैंड में कोरोना का नया वैरिएंट देखने को मिला है। इससे जिला प्रशासन व स्वास्थ्य विभाग पूरी तरह से सतर्क हो गया है। उन्होने कहा कि शासन से प्राप्त निर्देशानुसार जनपद में मंगलवार से फोकस सैंपलिंग का कार्य शुरू किया जाएगा। पहले तीन दिनों के दौरान उच्च शिक्षा के सभी संस्थानों जैसे मेडिकल कॉलेज, इंजीनियरिंग कॉलेज पालिटेक्निक संस्थानों/आईटीआई, विश्वविद्यालयों और संबद्ध कॉलेजों को कवर किया जाएगा।
इन संस्थानों के छात्रावासों में कालेज स्टाफ, हास्टल स्टाफ, छात्रों और सभी छात्रों का भी परीक्षण किया जाएगा। इसके बाद अगले तीन दिनों में सरकारी और निजी अस्पतालों तथा चिकित्सा शिक्षा संस्थानों में स्वास्थ्यकर्मियों की सैंपलिंग की जाएगी। स्वास्थ्यकर्मियों में चिकित्सा शिक्षा संस्थानों के संकाय के सदस्य, रेजिडेंट डाक्टर और छात्र-छात्राएं भी शामिल होंगे।उक्त के संबंध में सोमवार को मुख्य चिकित्सा अधिकारी की ओर से काशी हिन्दू विश्वविद्यालय, महात्मा गांधी काशीविद्यापीठ, डा. संपूर्णानन्द संस्कृत विश्वविद्यालय के कुल सचिव, आयुर्वेदिक महाविद्यालय एवं चिकित्सालय, समस्त मेडिकल कॉलेज (आयुर्वेदिक, होम्योपेथिक, एलोपेथिक), राजकीय व निजी इंजीनियरिंग/मैनेजमेंट कॉलेज, समस्त महा विद्यालय, आईटीआई एवं पोलिटेक्निक कॉलेज के प्रधानाचार्य व संचालक को पत्र भेजा गया है।