वाराणसी में पत्नी की मौत के एक घंटे बाद पति ने भी छोड़ दी दुनिया, शादी के बाद 65 वर्षों तक निभाया साथ

जिंदगी भर साथ निभाने के किए गए बुजुर्ग दंपति के वादे को मौत भी जुदा नहीं कर सकी। पत्नी की मौत के एक घंटे के भीतर उनकी पति ने भी अंतिम सांस ले ली। इसके बाद दोनों बुजुर्ग दंपति का अंतिम संस्कार एक साथ एक ही चिता पर किया गया।

By Abhishek SharmaEdited By: Publish:Sat, 17 Apr 2021 06:01 PM (IST) Updated:Sat, 17 Apr 2021 06:01 PM (IST)
वाराणसी में पत्नी की मौत के एक घंटे बाद पति ने भी छोड़ दी दुनिया, शादी के बाद 65 वर्षों तक निभाया साथ
जिंदगी भर साथ निभाने के किए गए बुजुर्ग दंपति के वादे को मौत भी जुदा नहीं कर सकी।

वाराणसी, जेएनएन। शादी में सात फेरे लेते समय जिंदगी भर का साथ निभाने के किए गए बुजुर्ग दंपति के वादे को मौत भी जुदा नहीं कर सकी। पत्नी की मौत के एक घंटे के भीतर उनकी पति ने भी अंतिम सांस ले ली। इसके बाद दोनों बुजुर्ग दंपति का अंतिम संस्कार एक साथ एक ही चिता पर किया गया। रामनगर स्थित श्मशान घाट पर दोनों का विधिविधान पूर्वक अंतिम संस्कार किया गया।

ऐसा नजारा मुश्किल से देखने को मिलता है। दोनों की अर्थी एक साथ उठी। पति और पत्नी को एक साथ चिता पर लिटाया गया। सिंधौरा के बसंतपुर निवासी बुजुर्ग दंपति की इस मौत की चर्चा इलाके में है।

पुत्र पप्पू शर्मा ने बताया कि उनके पिता डॉ बाबू राम शर्मा (85) प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र से सेवानिवृत्त हुए थे। वर्ष 1956 में पिता और उनकी माता शारदा देवी (76) विवाह के सूत्र में बंधे थे। दोनों से दो पुत्र और पुत्री भी है। सीआरपीएफ के जवान दूसरे पुत्र राकेश शर्मा ने बताया कि एक दिन पहले शुक्रवार की रात माँ शारदा देवी की स्वास्थ्य कारणों से मौत हो गई थी।

डॉ बाबू राम इस गम को बर्दाश्त नहीं कर सके। एक घन्टे बाद हार्ट अटैक से उन्होंने भी दमतोड़ दिया। रामनगर स्थित श्मशान घाट पर शनिवार की शाम दोनों का एक ही चिता पर अंतिम संस्कार किया गया। बुजुर्ग दम्पत्ति की एक साथ मौत चर्चा का विषय है।

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