जेल से छूटे नक्सलियों की आय के श्रोत पर नजर, चंदौली के जंगल के गांवों में ग्रामीणों को किया जाए जागरूक

चंदौली के नौगढ थाना परिसर सभागार में नक्सल गतिविधियों पर रोक लगाने सूचनाओं का त्वरित आदान-प्रदान करने को लेकर बैठक हुई। बिहार के कैमूर चंदौली मीरजापुर व सोनभद्र जिले पुलिस अधिकारियों ने रणनीति बनाई। जेल से छूटे हैं और नक्सली गतिविधियों में संलिप्त रहे उन पर थाने बराबर नजर रखें।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Publish:Thu, 26 Aug 2021 11:33 PM (IST) Updated:Fri, 27 Aug 2021 08:50 AM (IST)
जेल से छूटे नक्सलियों की आय के श्रोत पर नजर, चंदौली के जंगल के गांवों में ग्रामीणों को किया जाए जागरूक
जेल से छूटे नक्सलियों की आय के श्रोत पर नजर

जागरण संवाददाता, चंदौली। नौगढ थाना परिसर सभागार में नक्सल गतिविधियों पर रोक लगाने, सूचनाओं का त्वरित आदान-प्रदान करने को लेकर बैठक हुई। बिहार के कैमूर, चंदौली, मीरजापुर व सोनभद्र जिले पुलिस अधिकारियों ने रणनीति बनाई। अपर पुलिस अधीक्षक अनिल कुमार ने कहा पड़ोसी थानों से बराबर संपर्क बना रहे। जेल से छूटे नक्सलियों की आय के श्रोत पर नजर, खुफिया तंत्र को मजबूत बनाने पर जोर दिया। जिस जिले में कोई गतिविधि या संदिग्ध भी दिखें तो थाना पुलिस और संबंधित जिले के अधिकारियों को त्वरित सूचनाएं मिलनी चाहिए। ताकि किसी भी घटना के पहले फोर्स अलर्ट हो जाए और घटनाओं पर अंकुश लगे।

एएसपी ने कहा जो लोग जेल से छूटे हैं और नक्सली गतिविधियों में संलिप्त रहे उन पर थाने बराबर नजर रखें। उनके संपर्कों पर भी नजर बनाए रखा जाए। चिन्हित नक्सली गांवों में बराबर चक्रमण रहे और एक दूसरे जिले इससे वाकिफ रहें कि कांबिंग की जा रही है। नक्सल गांवाें में हुए विकास कार्यों की समीक्षा की गई। एएसपी ने बिहार और उत्तर प्रदेश की सीमा पर चौकसी बढ़ाने को कहा। वन क्षेत्रों में नक्सली गतिविधियों पर प्रभावी अंकुश लगाने के लिए पुलिस व पीएसी के अधिकारियों ने अपने क्षेत्र की समस्याएं भी आदान प्रदान की। समस्याओं के निस्तारण का भरोसा दिलाया गया। तय हुआ कि कांबिंग बढ़ाकर नक्सल गतिविधियों पर नजर रखी जाए। कहा जेल से छूटकर आए नक्सलियों की आय के स्रोतों का व उनसे मिलने-जुलने वालों का पता लगाने पर बल दिया। तय हुआ कि नक्सल प्रभावित क्षेत्रों के गरीबों का बेहतर इलाज के लिए स्वास्थ्य परीक्षण शिविर लगाने के साथ पुलिस व पीएसी की कांबिंग बढ़ाएं।

कांबिंग के समय जंगलों में रह रहे ग्रामीणों के साथ समन्वय बनाकर उन्हें जागरूक किया जाए कि कोई भी संदिग्ध वस्तु या संदिग्ध व्यक्ति नजर आए तो उसे पुलिस के सरकारी नंबरों पर सूचना दें। सूचना देने वाले का नाम गुप्त रखा जाए। पुलिस के खुफिया तंत्रों को और मजबूत किया जाए। एएसपी कैमूर नितिन कुमार तिवारी, एसीएफ फारेस्ट काशी प्रभाग दिलीप कुमार तिवारी, सीओ नक्सल सोनभद्र रामाशीष यादव, सीओ नक्सल चुनार रामानंद राय, थानाध्यक्ष नौगढ़ राजकुमार यादव, एसएचओ चांद कैमूर संजय कुमार, एसएचओ चैनपुर उदय भान सिंह, एसएचओ दुर्गावती संजय कुमार, वन क्षेत्राधिकारी इमरान खान, रवि शंकर शर्मा, एलआइयू सहित चिकित्सा, बेसिक शिक्षा, पीडब्ल्यूडी व विद्युत विभाग के अधिकारी मौजूद थे।

chat bot
आपका साथी