VIDEO: दैनिक जागरण ने खोज निकाली 'नॉलेज दादी', अनोखी है इनकी मेमोरी पावर

सोशल मीडिया प्‍लेटफार्म पर एक दादी जो फर्राटे से सभी मोबाइल नंबर बताते नजर आ रही हैं उनको दैनिक जागरण ने अपनी पड़ताल में मीरजापुर जिले में खोज ही लिया।

By Abhishek SharmaEdited By: Publish:Sun, 23 Sep 2018 10:41 PM (IST) Updated:Mon, 24 Sep 2018 07:02 PM (IST)
VIDEO: दैनिक जागरण ने खोज निकाली 'नॉलेज दादी', अनोखी है इनकी मेमोरी पावर
VIDEO: दैनिक जागरण ने खोज निकाली 'नॉलेज दादी', अनोखी है इनकी मेमोरी पावर

मीरजापुर [सतीश रघुवंशी] : आजकल वाटसएप ही नहीं फेसबुक से लेकर सभी सोशल मीडिया प्‍लेटफार्म पर एक दादी जो फर्राटे से सभी मोबाइल नंबर बताते नजर आ रही हैं उनको दैनिक जागरण ने अपनी पड़ताल में मीरजापुर जिले में खोज ही लिया। सोशल मीडिया पर वायरल हो रहीं यह दादी दरअसल मीरजापुर जिले में अदलहाट क्षेत्र की हैं जो नॉलेज दादी के नाम से भी जानी जाती हैं। हो सकता है इन दिनों आपने भी उनको हाल ही में फर्राटे से मोबाइल नंबरों को बताते सुना हो अपने मोबाइल !

कुछ बार ऐसा भी होता है कि लोगों को खुद का मोबाइल नंबर याद नहीं होता। ऐसे में यदि 65 वर्षीय कोई वृद्धा जिले के विधायक, पुलिस अधिकारी व थानों के मोबाइल नंबर फर्राटे से बताती हैं तो सभी हैरत में पड़ जाते हैं। यहां अदलहाट क्षेत्र में नॉलेज दादी के नाम से मशहूर सीतापति देवी को हेल्पलाइन से जुड़े दर्जनों मोबाइल नंबर जुबानी याद हैं। इसकी वजह से वह छात्राओं व महिलाओं की सुरक्षा को लेकर क्षेत्र में रोल मॉडल बन गई हैं। यही नहीं, जनसमस्याओं को सुलझाने व सोशल वर्क करने के साथ ही वह स्वच्छता को बढ़ावा देने के लिए अपने गीतों के माध्यम से लोगों को जागरूक भी कर रही हैं। इसकी वजह से वह सोशल मीडिया पर भी खूब सुर्खियां बटोर रही हैं।

अदलहाट क्षेत्र में नॉलेज दादी के नाम से मशहूर परशुरामपुर निवासी सीतापति देवी (64) पत्नी लालमन पटेल का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने से वह लोगों के बीच चर्चित हो गई हैं। इसमें सीतापति विधायक, पुलिस अधिकारियों व थानों के नंबर फर्राटे से बता रही हैं। यही नहीं, मीरजापुर समेत वाराणसी के भी कई थानों के नंबर उन्हें जुबानी याद हैं। भले ही वह पढ़ी-लिखी नहीं हैं, लेकिन किसी जनप्रतिनिधि व अधिकारियों के साथ ही हेल्पलाइन के नंबर पूछने पर वह तुरंत बता देती हैं। ऐसा कैसे संभव कर दिखाती हैं, यह पूछने पर वे कहती हैं कि 'हमरे पास नॉलेज न हव'। उम्र हो जाने के बावजूद उनकी स्मृति काफी अच्छी है और वह हमेशा सक्रिय रहती हैं। हेल्पलाइन से जुड़े ऐसे मोबाइल नंबर उन्हें याद हैं जिसका उपयोग महिलाएं व किशोरियां सुरक्षा के मद्देनजर आपात स्थिति में करती हैं। यही नहीं, वह हेल्पलाइन के कई नंबरों को अन्य महिलाओं को भी याद करा रही हैं।

क्षेत्र में हैं राेल मॉडल

ऐसे में धीरे-धीरे वह क्षेत्र की महिला व छात्राओं के लिए रोल मॉडल बन चुकी हैं। घर पर खेतीबारी का काम करने वाली सीतापति दिनभर सोशल वर्क भी करती रहती हैं। स्वच्छता को बढ़ावा देने के लिए वह अपने गीत 'घरे-घरे भइया शउचालय बनवइला हो, इबा सरकार के आदेश भइया-बहिनी' से लोगों को जागरूक भी करती हैं। सीतापति कहती हैं कि एक दिन भी स्कूल नहीं गई हैं। पढ़ाई-लिखाई न होने के कारण कोई काम पडऩे पर वह अधिकारियों व जनप्रतिनिधियों के मोबाइल नंबर याद कर लेती हैं जिससे कोई नंबर खोजने के लिए परेशान न होना पड़े। कोई जनसमस्या हो या फिर किसी महिला को कोई दिक्कत होने पर वह संबंधित अधिकारी का नंबर बोलकर तुरंत किसी से फोन कराकर बातचीत करती हैं। इसकी वजह से अब वह सोशल मीडिया पर भी चर्चित हो रही हैं।

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