रिटायर्ड कर्मचारी नवंबर माह में न हों परेशान, अब कभी भी आप दे सकते हैं अपने जीवित होने का प्रमाण
नवंबर माह की बाध्यता अब समाप्त कर दी गई है इस कारण पूरे वर्ष में कभी भी पेंशनर जीवित प्रमाण पत्र दे सकता है।
वाराणसी [अशोक सिंह]। सभी पेंशन प्राप्त करने वालों को वर्ष में एक बार अपने जीवित होने का प्रमाण पत्र देना होता है। इसके लिए कई वर्ष से चल रही नवंबर माह की बाध्यता अब समाप्त कर दी गई है। इस कारण पूरे वर्ष में कभी भी पेंशनर जीवित प्रमाण पत्र दे सकता है।
पहले ये नियम था कि प्रतिवर्ष नवंबर में पेंशनर को जीवित प्रमाण पत्र देना होता था। इस कारण पेंशनर इस महीने के इंतजार में कहीं आ जा नहीं पाते थे। कुछ पेंशनर जो इलाज, अन्य काम आदि के सिलसिले में अपने शहर से बाहर होते थे तो वे नवंबर में जीवित प्रमाण पत्र देने से वंचित हो जाते थे। इस कारण उनकी पेंशन में व्यवधान आता था। पेंशनर की समस्या को देखते हुए सरकार ने नवंबर में प्रमाण पत्र की बाध्यता को समाप्त कर दिया है।
नियमों में बदलाव की जानकारी नहीं होने और पेंशनरों को पुरानी परिपाटी पर चलने की वजह से इस समय कोषागार में भारी भीड़ लगी है। कर्मचारी उनकी मदद तो कर रहे हैं लेकिन भारी भीड़ की वजह से बुजुर्ग पेंशनर को काफी इंतजार करना पड़ रहा है।
ट्रेजरी आफिसर तेज बहादुर सिंह का कहना है कि पूरे वर्ष 365 दिन जीवित प्रमाण पत्र दे सकते हैं। जब प्रमाण पत्र दिया जाएगा उससे आगे 365 दिन के लिए वह मान्य होगा। मान लें आपने इस नवंबर में जीवित प्रमाण पत्र दिया। आपको जुलाई 2020 में कहीं जाना है तो आप जुलाई में ही जीवित प्रमाण पत्र देकर जा सकते हैं। वह प्रमाण पत्र आपकी पेंशन के लिए जुलाई 2021 तक के लिए मान्य होगा। इस कारण भीड़ में परेशान होने की बजाय नियमों में बदलाव का लाभ उठाएं।