स्वाइन फ्लू को लेकर अलर्ट मोड में हुआ बनारस, अस्पतालों में कई वार्ड हुए आरक्षित
अब सर्दी बढऩे के साथ ही एच-1 व एन-1 इन्फ्लुएंजा (स्वाइन फ्लू) का खतरा भी बढ़ गया है, जिले में अभी तक स्वाइन फ्लू के किसी भी मरीज की पुष्टि नहीं हुई है।
वाराणसी, जेएनएन। सर्दी बढऩे के साथ ही एच-1 व एन-1 इन्फ्लुएंजा (स्वाइन फ्लू) का खतरा भी बढ़ गया है। जिले में अभी तक स्वाइन फ्लू के किसी भी मरीज की पुष्टि नहीं हुई है। संभावित मरीजों के मद्देनजर स्वास्थ्य विभाग ने जिले में अलर्ट जारी कर दिया है। सीएमओ डा. वीबी सिंह ने राजकीय अस्पतालों के प्रमुख चिकित्साधीक्षकों, प्राथमिक व सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के प्रभारी चिकित्सा अधीक्षक को स्वाइन फ्लू को लेकर सतर्कता बरतते हुए अस्पतालों में बेड आरक्षित रखने, जांच व दवा समेत अन्य संसाधनों की उपलब्धता बनाए रखने का निर्देश दिया है।
बोले अधिकारी : बीएचयू में एक स्वाइन फ्लू वार्ड स्थापित किया गया है। मंडलीय, पंडित दीनदयाल उपाध्याय, लाल बहादुर शास्त्री राजकीय अस्पताल में 10-10 बेड तथा प्राथमिक और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में दो-दो बेड रिजर्व रखे गए हैं। -राकेश सिंह, जिला एपिडेमियोलॉजिस्ट (आईडीएसपी)
स्वाइन फ्लू के लक्षण : स्टेट लेवल वायरल रिसर्च एंड डायग्नोस्टिक लैबोरेटरी के प्रिंसीपल इन्वेस्टीगेटर प्रो. गोपालनाथ बताते हैं कि बुखार, नाक बहना, खांसी, गले में खरास, सिरदर्द, बदन दर्द, ठंड लगना और आंखों में लालिमा आना इस रोग के प्रमुख लक्षण हैं। इस वायरस से लोगों को बुखार, सर्दी-जुकाम, संक्रमण, सिर दर्द और टायफाइड जैसी बीमारियां हो सकती हैं।
बचाव के उपाय : प्रो. गोपालनाथ बताते हैं कि वायरस फैलने के प्रमुख कारणों में एक है साफ-सफाई को लेकर बरती जाने वाली कोताही। छींकते समय टिश्यू पेपर से मुंह, नाक को ढकें और फिर उस पेपर को फौरन सावधानी से कचरे के डिब्बे में डाल दें। हाथों को लगातार साबुन से धोते रहें। घर और आफिस के दरवाजों के हैंडल, की-बोर्ड, मेज आदि साफ करते रहें। लगातार पानी पीते रहें ताकि डिहाइड्रेशन न हो।