Air quality index : वाराणसी की हवा हुई संतोषजनक, इस साल पहली बार इंडेक्स सौ के नीचे
वाराणसी में इस साल भी पहली बार एयर क्वालिटी इंडेक्स सौ के नीचे आ गया। वहीं शनिवार को बनारस कानपुर के बाद प्रदेश का दूसरा सबसे कम प्रदूषित शहर रहा। कानपुर 58 अंक के साथ पहले और बनारस 97 अंक के साथ दूसरे स्थान पर आ गया है।
वाराणसी, जेएनएन। लॉकडाउन ने इस साल फिर काशीवासियों को जहरीली हवा से राहत दे दी है। कुछ दिनों पहले तक सुबह-सुबह छत से दिखने वाले हल्के धुंध भी अब छंट चुके हैं। वाराणसी में इस साल भी पहली बार एयर क्वालिटी इंडेक्स सौ के नीचे आ गया। वहीं शनिवार को बनारस कानपुर के बाद प्रदेश का दूसरा सबसे कम प्रदूषित शहर रहा। कानपुर 58 अंक के साथ एयर क्वालिटी इंडेक्स में पहले और बनारस 97 अंक के साथ दूसरे स्थान पर आ गया है। बनारस की हवा में प्रदूषण का स्तर वर्तमान में संतोषजनक स्तर पर आ गया है।
सप्ताह भर का आकलन बताता है शुद्ध हुई हवा
प्रदूषक तत्वों में पीएम-2.5, पीएम-10, सल्फर डाइ आक्साइड और ओजोन के अधिकतम स्तर घटकर क्रमश: 77, 114, 34 और 111 पर आ गए हैं, जबकि कुछ दिन पहले ही यह स्तर 300-400 अंक के आसपास रहता था। इस पूरे सप्ताह बनारस का एयर क्वालिटी इंडेक्स तीन बार सौ के नीचे जा चुका है। यदि बनारस में बीते सप्ताह का ग्राफ देखें तो शुक्रवार को 102, गुरुवार को 80, बुधवार को 90, मंगलवार को 110, सोमवार को 145 और रविवार को 152 तक था।
सड़कों पर नहीं उड़ रही धूल
लॉकडाउन की वजह से बनारस की हवा में यह सुधार अभी कुछ दिनों देखने को मिल सकता है, तब तक कि लॉकडाउन को खत्म नहीं कर दिया जाए। वहीं बनारस में इस समय सारे निर्माण कार्य बंद हैं और वाहन के न चलने के कारण सड़कों पर धूल नहीं उड़ रहे हैं। बनारस के अलावा प्रदेश के अन्य शहरों के एयर क्वालिटी इंडेक्स की बात करें, तो लखनऊ में 103, मुज्जफरनगर में 114, ग्रेटर नोएडा में 120, मेरठ में 148 और गाजियाबाद में 233 रहा।
महावीर मंदिर के पास बन रही सड़क
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के क्षेत्रीय अधिकारी कालिका सिंह ने बताया कि कोरोना और लॉकडाउन के कारण शहर के लगभग सारे निर्माण कार्य बंद हैं। केवल महावीर मंदिर के आसपास वाले क्षेत्र में सीसी रोड बन रहा है। मगर वहां भी निरतंर पानी का छिड़काव हो रहा है, जिसकी निगरानी रोज की जाती है।