फ्रेट विलेज के लिए सर्वे कर एजेंसी ने सौंपी रिपोर्ट, वाराणसी के मिल्कीपुर व ताहिरपुर की 70 एकड़ जमीन पर होगा निर्माण
रामनगर के राल्हूपुर में प्रस्तावित फ्रेट विलेज की बाधा जल्द ही दूर होगी। फ्रेट विलेज के विस्तार लिए एजेंसी ने सर्वे कर चंदौली जिलाधिकारी संजीव सिंह को रिपोर्ट सौंप दी है। रिपोर्ट माह के अंत तक पब्लिक हेयरिंग के लिए सार्वजनिक कर दिया जाएगा।
जागरण संवाददाता, वाराणसी। रामनगर के राल्हूपुर में प्रस्तावित फ्रेट विलेज की बाधा जल्द ही दूर होगी। फ्रेट विलेज के विस्तार लिए एजेंसी ने सर्वे कर चंदौली जिलाधिकारी संजीव सिंह को रिपोर्ट सौंप दी है। रिपोर्ट माह के अंत तक पब्लिक हेयरिंग के लिए सार्वजनिक कर दिया जाएगा। इसके बाद भूमि अधिग्रहण पर अंतिम निर्णय लिया जाएगा। हालांकि, भूमि अधिग्रहण कर फ्रेट विलेज बनाने की सरकार की मंशा को प्रशासन हरहाल में पूरा करने में जुटा है। पहले चरण में फ्रेट विलेज को चंदौली में मिल्कीपुर व ताहिरपुर की 70 एकड़ जमीन पर निर्माण होना है। दूसरे चरण में मीरजापुर जिले का रसूलागंज भी शामिल किया जाएगा। 2020 तक कार्य को पूरा करने का लक्ष्य था लेकिन किसानों के विरोध के चलते योजना अमल में नहीं आ सकी।
भारतीय अंतरदेशीय जलमार्ग प्राधिकरण की ओर से प्रस्तावित गंगा जलमार्ग वन (बनारस से हल्दिया) का प्रमुख केंद्र वाराणसी है। इससे जोड़कर देश का पहला फ्रेट विलेज बनाने की तैयारी शुरू हो गई है। प्रस्तावित फ्रेट विलेज को 2020 तक पूरा करने का लक्ष्य दिया गया था। इसके लिए 100 एकड़ जमीन की जरूरत है लेकिन अब तक कुल 11 एकड़ जमीन मिल सका है। शेष जमीन के लिए चंदौली के किसानों से वार्ता हो रही है। वहां के किसानों की मांग है कि अधिग्रहण के लिए जमीन का सर्किल रेट वाराणसी का लगाया जाए, क्योंकि चंदौली की जमीनों का सर्किल रेट तुलनात्मक बहुत कम है। अधिग्रहण के लिए प्रस्तावित 100 एकड़ जमीन में वाराणसी के हिस्से की 60 एकड़ तो चंदौली के हिस्से 40 एकड़ जमीन है। फ्रेट विलेज 3000 करोड़ की लागत से 100 एकड़ एरिया में रामनगर के राल्हूपुर में बने टर्मिनल से जोड़कर बनाया जा रहा है। फ्रेट विलेज में वेयर हाउस, कोल्ड स्टोरेज, पैकेजिंग-रैपरिंग, कारगो स्टोरेज, रोड, रेल व जल ट्रांसपोर्ट सर्विस, शहरी जीवन की बुनियादी सुविधाएं,माल सुरक्षित रखने के लिए स्टोर, गंगा पार एक नया शहर बसेगा, हजारों लोगों को रोजगार भी मिलेगा।