माध्यमिक शिक्षा परिषद : वीडियो सर्विलांस और पुलिस के बाद अब छह सचल दस्ते करेंगे दौरा

उत्तर प्रदेश सरकार की बोर्ड परीक्षा-2021 की प्रशासनिक तैयारियों पर नजर डालें तो यह परीक्षा किसी युद्ध से कम नजर नहीं आ रही है। अनेक तकनीकी प्रयोगों के माध्यम से नकल को जड़ से उखाड़ फेंकने की कोशिश की जा रही है।

By Abhishek SharmaEdited By: Publish:Wed, 14 Apr 2021 07:30 AM (IST) Updated:Wed, 14 Apr 2021 07:30 AM (IST)
माध्यमिक शिक्षा परिषद : वीडियो सर्विलांस और पुलिस के बाद अब छह सचल दस्ते करेंगे दौरा
तकनीकी प्रयोगों के माध्यम से नकल को जड़ से उखाड़ फेंकने की कोशिश की जा रही है।

मऊ,  सूर्यकांत त्रिपाठी। यूपी बोर्ड की परीक्षा में नकल रोक पाने को शिक्षा माफियाओं ने इस तरह टेढ़ा कर दिया है कि सरकार को इस परीक्षा के आयोजन के लिए हर शस्त्र का इस्तेमाल करना पड़ जा रहा है। पहले केंद्रों पर तैनात एक या दो पुलिस कर्मी, केंद्र व्यवस्थापक व सचल दस्ते आसानी से नकलविहीन परीक्षा करा लेते थे लेकिन अब हालात बेकाबू हो चुके हैं। नकल रोकने के लिए वीडियो सर्विलांस सिस्टम, जोनल मजिस्ट्रेट, सेक्टर मजिस्ट्रेट, स्टैटिक मजिस्ट्रेट, अतिरिक्त केंद्र व्यवस्थापक, कक्ष निरीक्षक, पुलिस, सीसीटीवी कैमरे, निगरानी के लिए कंट्रोल रूम, परीक्षा के सीधे प्रसारण के लिए वेबकाङ्क्षस्टग प्रणाली आदि सारे इंतजाम किए गए हैं। पहले चार सचल दस्ते चलते थे, इस बार इनकी संख्या छह कर दी गई है। प्रशासनिक ²ष्टि से देखा जाए तो नकल पर ब्रेक लगाने लिए सिर्फ भारतीय सेना लगाने का प्रयोग ही शेष बचा है।  

उत्तर प्रदेश सरकार की बोर्ड परीक्षा-2021 की प्रशासनिक तैयारियों पर नजर डालें तो यह परीक्षा किसी युद्ध से कम नजर नहीं आ रही है। अनेक तकनीकी प्रयोगों के माध्यम से नकल को जड़ से उखाड़ फेंकने की कोशिश की जा रही है। जिले में इस बार बोर्ड परीक्षा के लिए 128 इंटर कालेजों को केंद्र बनाया गया है। विभागीय जिम्मेदारों का दावा है कि इस बार पवित्रता के इंतजाम पहले से ज्यादा परिमार्जित, सटीक और कड़े हैं। जिला विद्यालय निरीक्षक, बीएसए, डायट प्राचार्य एवं वित्त एवं लेखाधिकारी के नेतृत्व में बने चार सचल दस्तों की बजाय दो और सचल दस्ते गठित करने की तैयारियां की जा रही हैं। शासन के फरमान पर सचल दस्तों की संख्या बढ़ाई जा रही है। उधर, गौर करें तो इन्हीं शिक्षा माफियाओं के अंग्रेजी माध्यम और सीबीएसई बोर्ड के भी विद्यालय चल रहे हैं लेकिन वहां ऐसा भारी-भरकम इंतजाम नजर नहीं आता। हालांकि, कहना मुश्किल है कि केवल भाषा बदलने से शिक्षा माफिया सुधर जा रहे हैं या सीबीएसई बोर्ड की परीक्षा में भी सबकुछ बिना आवाज चल रहा है। कम से कम सीटेट परीक्षा के प्रश्न-पत्र के आउट होने के बाद जिले में सीबीएसई बोर्ड की परीक्षा व्यवस्था तो कटघरे में खड़ी हो ही गई है।  

बोले अधिकारी : पहले के चार सचल दस्तों के मुकाबले इस बार की परीक्षा में छह सचल दस्ते भ्रमण करेंगे। 128 केंद्रों पर स्टेटिक मजिस्ट्रेट तैनात किए गए हैं। नकल नहीं होगी, छात्र तैयारी करें और परीक्षा दें।  - डा.राजेंद्र प्रसाद, डीआइओएस, मऊ। 

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