मंगलवार को छह माह बाद संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय में दिखी चहल-पहल
संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय के शास्त्री (स्नातक) तृतीय खंड व आचार्य (स्नातकोत्तर) चतुर्थ सेमेस्टर बीएड सहित अन्य व्यावसायिक पाठयक्रमों की परीक्षाएं मंगलवार से शुरू हो गई हैं। ऐसे में करीब छह माह बाद विश्वविद्यालय में छात्रों की चहल पहल मंगलवार को देखी गई।
वाराणसी, जेएनएन। संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय के शास्त्री (स्नातक) तृतीय खंड व आचार्य (स्नातकोत्तर) चतुर्थ सेमेस्टर, बीएड सहित अन्य व्यावसायिक पाठयक्रमों की परीक्षाएं मंगलवार से शुरू हो गई हैं। ऐसे में करीब छह माह बाद विश्वविद्यालय में छात्रों की चहल पहल मंगलवार को देखी गई। परीक्षार्थियोें की चहलकदम से परिसर सुबह से ही गुलजार रहा।
कोविड-19 को देखते हुए इस बार केंद्रों के गेट पर परीक्षार्थियोें की कोई तलाशी नहीं ली गई। इसके स्थान पर परीक्षार्थियोें की थर्मल स्कैनिंग के बाद केंद्रों पर प्रवेश की अनुमति दे दी गई। परीक्षा को लेकर ज्यादातर परीक्षार्थी खुश थे। पहले दिन प्रथम पाली की परीक्षा में कोई नकलची पकड़े जाने की कोई सूचना नहीं हैं। संबद्ध बीएड कालेजों के छात्राें की भी परीक्षा विश्वविद्यालय केंद्र पर ही हो रही है। ऐसे में दिल्ली, अमेठी, प्रयागराज, जौनपुर व आजमगढ़ से तमाम छात्र परीक्षा देने विश्वविद्यालय आए हुए थे। वहीं द्वितीय पाली में शास्त्री- आचार्य की परीक्षा देश के 340 केंद्रों पर एक साथ हो रही है। सूबे के बाहर के केंद्रों को मेल द्वारा पेपर भेजा गया है।
वहीं विश्वविद्यालय में छात्रों की चहल पहल मंगलवार को सुबह से ही जारी रही। दूर दराज से आए अभ्यर्थियाें सें परिसर दिन भर गुलजार रहा। छात्रों के बैठने में भी शारीरिक दूरी का पालन किया गया जबकि परिसर में भी सभी छात्र छात्राएं मास्क या मुह ढंके ही नजर आए। परीक्षा के दौरान विवि के शैक्षणिक अधिकारी चक्रमण करते रहे और शारीरि दूरी बनाए रखने के लिए सक्रिय दिखे। विवि परिसर के बाहर पूरी परीक्षा के दौरान अभिभावकों की भी भीड़ रही और परीक्षा को लेकर सुबह बारिश में भीगते नजर आए। बारिश में भीगने के बाद दोपहर में धूप से अभिभावक परेशान भी नजर आए। हालांकि अभ्यर्थियों में लंबे समय बाद विवि परिसर आने को लेकर काफी उत्साह बना रहा और परीक्षा को लेकर अमूमन सभी ने बेहतर परीक्षा होने की उम्मीद की।