एक साल बाद मुंह से निकली बोली तो पता चला वाराणसी के रोहनिया का है रहने वाला
हादसे में गंभीर रूप से घायल होने पर बिहार के पटना एम्स में एक साल तक उपचार कराने के बाद जब भरत के मुंह से बोली निकली तो डाक्टरों ने राहत की सांस ली। वह वाराणसी के रोहनिया थाना क्षेत्र के अमरा का रहने वाला है।
वाराणसी, जेएनएन। हादसे में गंभीर रूप से घायल होने पर बिहार के पटना एम्स में एक साल तक उपचार कराने के बाद जब भरत के मुंह से बोली निकली तो डाक्टरों ने राहत की सांस ली। डाक्टरों को भरत ने अपना नाम व पता भी बताया। वह रोहनिया थाना क्षेत्र के अमरा का रहने वाला है। परिवार अब जमीन बेचकर बच्छांव में रहता है। परिवार के लोगों की आर्थिक रूप से कमजोर व असहाय है।
दरअसल, बिहार के फुलवारी शरीफ थाने की पुलिस ने दिसंबर 2019 में दुर्घटना के बाद इलाज के लिए एम्स में भर्ती कराया था। उसके बाद पुलिस ने कोई खोज खबर नहीं ली, लेकिन डाक्टर उसका इलाज करते रहे। उसके बारे में जानकारी मिली तो डाक्टरों ने मीडिया व पुलिस की मदद ली। पटना के डाक्टर भदानी ने रोहनिया पुलिस के माध्यम से वीडियो काल कर युवक की पहचान उसके घर वालों से कराई। रोहनिया पुलिस ने बच्छांव के ग्राम प्रधान को इस बाबत जानकारी दी। पुलिस को ग्राम प्रधान बचाऊ पटेल ने बताया कि भरत का परिवार गरीब व असहाय है। इनकी हालत पटना जाने तक की नहीं है। हालांकि प्रधान ने भरत को एम्स से वापस उसके घर तक पहुंचाने में मदद की बात कही। एक साल तक एम्स पटना में उसे जीवन दान मिला है। रोहनिया पुलिस को वाट्सएप के जरिएभरत की फोओ और वीडियो नाम पता भेजा गया है, ताकि उसके परिवार वालों को बुलाया जा सके। इसके बाद उसके परिवार वालों तक जानकारी मिल पाई। जानकारी परिवार तक पहुंचाने में ग्राम प्रधान की अहम भूमिका थी।