लखनऊ के बाद अब वाराणसी से विदेशी धरती पर भेजा जाएगा केला, तलाश और तैयारी शुरू

यूपी से कृषि निर्यात को बढ़ावा देने की दिशा में एपीडा वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय भारत सरकार ने एपीडा पंजीकृत निर्यातक मैसर्स देसाई एग्रो फूड्स द्वारा जेएनपीटी के माध्यम से समुद्री मार्ग से लखनऊ से ईरान के लिए केले की पहली और अब तक की पहली शिपमेंट को भेजा गया।

By Abhishek SharmaEdited By: Publish:Thu, 14 Oct 2021 10:46 AM (IST) Updated:Thu, 14 Oct 2021 10:46 AM (IST)
लखनऊ के बाद अब वाराणसी से विदेशी धरती पर भेजा जाएगा केला, तलाश और तैयारी शुरू
लखनऊ से ईरान के लिए केले की पहली और अब तक की पहली शिपमेंट को भेजा गया।

वाराणसी, जागरण संवाददाता। विदेशों से भारत के कृषि उत्पाद समेत केलों की बढ़ती मांग को देखते हुए उत्तर प्रदेश को भी ऐसे वस्तुओं की आपूर्ति के लिए बेहतर स्थल के रूप में देखा जाने लगा है। इसका शुभारंभ लखीमपुर खीरी से ईरान के लिए 40 टन केले के निर्यात से हुआ है। इसके पहले वाराणसी परिक्षेत्र से बीते दो सालों में ही 1000 टन फल व सब्जियां तथा 10 हजार टन बासमती चावल का निर्यात विभिन्न देशों में किया गया है। यूपी से कृषि निर्यात को बढ़ावा देने की दिशा में एपीडा वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय भारत सरकार ने एपीडा पंजीकृत निर्यातक मैसर्स देसाई एग्रो फूड्स द्वारा जेएनपीटी के माध्यम से समुद्री मार्ग से लखनऊ से ईरान के लिए केले की पहली और अब तक की पहली शिपमेंट को भेजा गया। 14 अक्टूबर को दोपहर 12 बजे मैंगो पैक हाउस मलिहाबाद, लखनऊ से भेजा गया।

उत्पाद सीधे लखनऊ लाए गए : एपीडा के क्षेत्रीय प्रमुख (यूपी, बिहार, उत्तराखंड) डॉ सीबी सिंह ने बताया कि पलिया कलां (लखीमपुर) के किसानों से केला लिया गया है। और इसे लखनऊ स्थित पैकहाउस में पैक किया गया।

वर्तमान सीजन में केला का निर्यात : अनंतपुर क्लस्टर (केला): हाल के सीजन के दौरान (जनवरी-अप्रैल 2021), आंध्र प्रदेश के अनंतपुर से 9 रीफर रेल मूवमेंट के जरिये 30,291 टन केले भेजे जा चुके हैं और मिडल ईस्ट को निर्यात किए जा चुके हैं। वहीं केला क्लस्टर, महाराष्ट्र-2020-21 के दौरान, सोलापुर, जलगांव तथा कोल्हापुर से क्रमशः 3278, 280 और 90 कंटेनर केलों का निर्यात किया गया है।

वाणिज्य विभाग भी है गदगद: भारत सरकार के वाणिज्य विभाग ने भी स्वीकार किया है कि 2020-21 के दौरान कृषि निर्यात ने शानदार प्रदर्शन किया है। मपिछले तीन वर्षों (2017-18 में 38.43  अरब डॉलर, 2018-19 में 38.74 अरब डॉलर तथा 2019-20 में 35.16 अरब डॉलर) तक स्थिर बने रहने के बाद 2020-21 के दौरान कृषि एवं संबद्ध उत्पादों (समुद्री तथा बागान उत्पादों सहित) का निर्यात तेजी से बढ़कर 41.25 अरब डॉलर तक पहुंचा जो 17.34 प्रतिशत की बढोतरी को इंगित करता है। रुपये के लिहाज से यह वृद्धि 22.62 प्रतिशत है जो 2019-20 के 2.49 लाख करोड़ रुपये की तुलना में बढ़कर 2020-21 के दौरान 3.05 लाख करोड़ रुपये तक जा पहुंचा। 2019-20 के दौरान भारत का कृषि और संबद्ध आयात 20.64  अरब डॉलर था और 2020-21 के तदनुरुपी आंकड़ें 20.67 बिलियन डॉलर के हैं। कोविड-19 के बावजूद, कृषि में व्यापार संतुलन में 42.16 प्रतिशत का सुधार आया है जो 14.51  अरब डॉलर से बढ़कर  20.58 अरब डॉलर हो गया।

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