आजमगढ़ का गुलाब ड्यूटी समाप्त होने के बाद सैनिटाइजर मशीन लिए गांव-गली को कर रहे विसंक्रमित

आजमगढ़ का सफाईकर्मी पद पर तैनात ‘गुलाब’ जवाबदेही संग सामाजिक जिम्मेदारी की सुगंध बिखेर रहे हैं। ड्यूटी समाप्त होने के बाद पीठ पर सैनिटाइज मशीन लिए गांव-गांव गली-गली पहुंच दरवाजे खिड़कियां वाहनों को विसंक्रमित कर रहे हैं। लोगों के कहे मुताबिक जगहों को सैनिटाइज करने में गुरेज नहीं करते।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Publish:Sun, 18 Apr 2021 08:50 AM (IST) Updated:Sun, 18 Apr 2021 01:28 PM (IST)
आजमगढ़ का गुलाब ड्यूटी समाप्त होने के बाद सैनिटाइजर मशीन लिए गांव-गली को कर रहे विसंक्रमित
पीठ पर सैनिटाइज मशीन लिए गांव-गांव, गली-गली पहुंच दरवाजे, खिड़कियां, वाहनों को विसंक्रमित कर रहे हैं।

आजमगढ़ [राकेश श्रीवास्तव]। सफाईकर्मी पद पर तैनात ‘गुलाब’ जवाबदेही संग सामाजिक जिम्मेदारी की सुगंध बिखेर रहे हैं। ड्यूटी समाप्त होने के बाद पीठ पर सैनिटाइज मशीन लिए गांव-गांव, गली-गली पहुंच दरवाजे, खिड़कियां, वाहनों को विसंक्रमित कर रहे हैं। किसी ने सवाल किया तो साफगोई से जवाब, सफाई थी कमाई अब देश में लगाई...ताकि कोविड-19 (कोरोना) वायरस की दुश्वारियों से जूझ रहे देशवासियों को बचा सकूं। बोले, भूल गए जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सफाईकर्मियों के पांव पखार देश में एकजुटता का संदेश दिए थे। खास बात यह है कि स्वच्छ भारत, स्वस्थ भारत अभियान में महत्वपूर्ण याेगदान के लिए कोरोना योद्धा के रूप में इन्हें सम्मानित भी किया जा चुका है।

कोरोना वायरस का प्रकोप देश में बढ़ा तो फूलपुर के कनेरी गांव निवासी गुलाब चौरसिया के मन में अपनी जिम्मेदारियों का भाव उमड़ा। पहले से आठ घंटे सफाई करने की ड्यूटी कम नहीं थी, लेकिन जनता को बचाने का ऐसा जज्बा कि झाड़ू हाथ से छूटने के बाद कोरोना को हराने चल दिए। दरअसल, उन्होंने कोविड-19 के बढ़ रहे संक्रमण के बारे में जानकारी की तो पता चला कि चेन तोड़कर (शारीरिक दूरी बनाकर) ही इसे रोका जा सकता है। इसे जानने के बाद गुलाब ने सैनिटाइज करने की मशीन खरीदी और कोराेना का चेन तोड़ने में जुट गए।

तड़के उठकर तैनाती स्थल चकगोरया गांव में पहुंच झाड़ू उठाकर जवाबदेही पूरी करते हैं। उसके बाद पीठ पर सैनिटाइज मशीन लेकर शहर, गांव एवं गलियों तक में फिरते रहते हैं। किसी से कुछ नहीं बोलते, घर के बाहर खड़ी गाड़ियां, खिड़की दरवाजे को विसंक्रमित करते आगे बढ़ते रहते है। किसी ने घर के अंदर बुला लिया तो उसके कहे मुताबिक जगहों को सैनिटाइज करने में गुरेज नहीं करते। किसी ने कुछ पूछा तो जागरूकता का संदेश देने से भी संकोच नहीं करते। कहते हैं कि आप बार-बार हाथ धोएं, मास्क अवश्य लगाएं, घर से बाहर न निकलें तो चेन टूटेगा और कोरोना हारेगा। जनमानस आत्ममंथन भी कर रहा कि हम ज्यादा कुछ नहीं तो घरों में रहकर जंग के योद्धा बन सकें।

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