गाजीपुर में बहन से फोन कराकर भाई ने बुलवाया प्रेमी को, साथियों संग उतारा मौत के घाट

इसका राजफाश शनिवार को थानाध्यक्ष राजेश बहादुर सिंह ने किया। पिता हरेराम की तहरीर पर एफआइआर दर्ज करते हुए पुलिस ने कृष्णा की प्रेमिका उसके भाई समेत चार लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है। इसमें एक आरोपित ग्राम प्रधान भी है।

By Abhishek SharmaEdited By: Publish:Sat, 23 Oct 2021 07:01 PM (IST) Updated:Sat, 23 Oct 2021 07:01 PM (IST)
गाजीपुर में बहन से फोन कराकर भाई ने बुलवाया प्रेमी को, साथियों संग उतारा मौत के घाट
आनर किलिंग राजफाश शनिवार को थानाध्यक्ष राजेश बहादुर सिंह ने किया।

गाजीपुर, जागरण संवाददाता। बरेसर थाना क्षेत्र के हुसैनाबाद निवासी कृष्णा ठाकुर (20) की प्रेम प्रपंच में लाठी से मारकर हत्या की गई थी। साजिश के तहत भाई के दबाव पर प्रेमिका ने उसे अपने घर बुलाया था। इसके बाद उसकी हत्या कर शव को खड़ंजे पर रख दिया गया था। इसका राजफाश शनिवार को थानाध्यक्ष राजेश बहादुर सिंह ने किया। पिता हरेराम की तहरीर पर एफआइआर दर्ज करते हुए पुलिस ने कृष्णा की प्रेमिका, उसके भाई समेत चार लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है। इसमें एक आरोपित ग्राम प्रधान भी है।

बरेसर थानाध्यक्ष आरबी सिंह ने बताया कि बीते 20 अक्टूबर को कृष्णा ठाकुर का शव एक खड़ंजे पर मिला था। शुक्रवार को कृष्णा के पिता हरेराम ने पुलिस से शिकायत की कि उसके पुत्र की हत्या की गई है। मामले को गंभीरता से लेते हुए पुलिस ने तत्काल एफआइआर दर्ज कर सभी आरोपितों को गिरफ्तार कर लिया। पूछताछ में पुलिस को मालूम हुआ कि कृष्णा का बरेसर थाना क्षेत्र के ही एक गांव निवासी युवती से प्रेम संबंध था। वह अक्सर मिलने के लिए आता रहता था। इसकी जानकारी प्रेमिका के स्वजन को हो गई थी। कई बार कृष्णा को मना भी किया, लेकिन वह नहीं माना। 20 अक्टूबर की रात में युवती के भाई ने अपने बहन पर दबाव बनाया और कृष्णा को बुलवाया। कृष्णा जैसे ही युवती से मिलने के लिए आया, उसके भाई ने लाठी से कृष्णा के सिर पर जोरदार प्रहार कर दिया। इससे मौके पर ही उसकी मौत हो गई। इसके बाद शव को वहां से करीब 25 मीटर दूर खंड़जे पर फेंक दिया। मामले में सुनील चौरसिया, सौदागर चौरसिया और प्रविंद्र वर्मा उर्फ लड्डू तथा प्रेमिका को शनिवार को जेल भेज दिया।

फिर हरे हो गए स्वजन के जख्म, रो पड़े लोग : आरोपित भाई का कहना है कि उसने कई बार प्रेमी को मना भी किया था, लेकिन वह अपनी हरकत से बाज नहीं आ रहा था। ऐसे में इसके सिवा कोई दूसरा उपाय न था। उधर, इस जानकारी के बाद एक बार फिर से कृष्णा के परिवार का जख्म हरा हो गया। पांच बहनों के बीच अपने माता-पिता का इकलौता पुत्र कृष्णा घर पर ही रहकर पिता के काम में हाथ बंटाता था। परिवार के लोगों का कहना है कि कोई बात थी तो कहना चाहिए था। ऐसे जान लेकर क्या मिला उन्हें।

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