बलिया में काफी मशक्कत के बाद पागल हाथी पर काबू पाया गया, ग्रामीणों ने ली राहत की सांस

दो लोगोंं ने किसी तरह भाग कर अपनी जान बचाई। महावत अपने कब्जे में लेने के लिए भाला (बल्लम) मार दिया। इसके बाद हाथी रौद्र रूप धारण कर लिया। सूचना पर हाथी मालिक दूर दराज से महावतों को बुलाए लेकिन हाथी किसी के वश में नहीं आ रहा था।

By Abhishek sharmaEdited By: Publish:Sun, 10 Jan 2021 06:05 PM (IST) Updated:Sun, 10 Jan 2021 06:05 PM (IST)
बलिया में काफी मशक्कत के बाद पागल हाथी पर काबू पाया गया, ग्रामीणों ने ली राहत की सांस
हाथी मालिक दूर दराज से महावतों को बुलाए लेकिन हाथी किसी के वश में नहीं आ रहा था।

बलिया, जेएनएन। बैरिया निवासी हरेंद्र सिंह का हाथी अचानक शनिवार से पागल हो गया। दरअसल धतुरीटोला निवासी जुमाद्दिन महावत, शनिवार की शाम अपने गांव धतुरी टोला ले कर आया था। रविवार को सुबह लगभग नौ बजे हाथी लेकर जा रहा था कि गांव से उत्तर तिनमुहानी पर सामने से पिकअप आ गई जिसे देखते ही हाथी भड़क गया। आक्राेश में पिकअप को पलट कर उसे तोड़ने लगा।

इस दौरान पिकअप पर सवार दो लोगोंं ने किसी तरह भाग कर अपनी जान बचाई। महावत अपने कब्जे में लेने के लिए भाला (बल्लम) मार दिया। इसके बाद हाथी रौद्र रूप धारण कर लिया। सूचना पर हाथी मालिक दूर दराज से महावतों को बुलाए लेकिन हाथी किसी के वश में नहीं आ रहा था। तब प्रधान प्रतिनिधि शामू ठाकुर ने एसडीएम बैरिया और दोकटी पुलिस को सूचना दी।

सूचना देने के चार घंटे बाद वन विभाग के वन दारोगा रामजी पांडेय और हरिकृष्ण यादव, हरेंद्र सिंह, राणाप्रताप सिंह की टीम पहुंची। हालांकि उसके पहले ही महावतों और ग्रामीणों ने मिलकर हाथी को लोहे की छड़ व सीकड़ में जकड़ लिया था। इस दौरान ग्रामीणों में दहशत का माहौल साफ-साफ दिखाई दे रहा था। जब भी हाथी जिधर निकलता था लोगों में चीख पुकार मच जाती थी। गनीमत ही रहा कि हाथी गांव के तरफ न आ कर बागीचे के तरफ चला गया। शाम चार बजे तक हाथी को किसी तरह काबू में कर लेने के बाद लोगों ने राहत की सांस ली है। 

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