बलिया जिले में 18 वर्ष बाद दूर हुआ मरीजों का कष्ट, जिला अस्पताल की नई बिल्डिंग में लिफ्ट चालू
नई बिल्डिंग में मरीजों व स्वास्थ्य कर्मियों को वर्ष 2003 के बाद लिफ्ट सुविधा मिलनी शुरू हो गई है। अब मरीजों को वार्ड में आवाजाही आसान हो जाएगी। इसके पहले मरीजों को सर्जिकल हड्डी बच्चा वार्ड या आपरेशन कक्ष में ले जाने के लिए दो-चार स्वजनों की जरूरत होती थी।
बलिया, जेएनएन। जिला अस्पताल की नई बिल्डिंग में मरीजों व स्वास्थ्य कर्मियों को वर्ष 2003 के बाद लिफ्ट की सुविधा मिलनी शुरू हो गई है। अब मरीजों को वार्ड में आवाजाही आसान हो जाएगी। इसके पहले मरीजों को सर्जिकल, हड्डी, बच्चा वार्ड या आपरेशन कक्ष में ले जाने के लिए दो-चार स्वजनों की जरूरत होती थी। चिकित्सकों व कर्मचारियों को बार-बार वार्डों तक जाने के लिए सीढ़ी चढ़ने-उतरने में परेशानी का सामना करना पड़ता था। जिला अस्पताल के दूसरे परिसर स्थित नई बिल्डिंग चार मंजिला है।
ग्राउंड फ्लोर पर पैथालोजी व सीटी स्कैन सहित जांच केंद्र है। प्रथम तल पर हड्डी वार्ड व डायलसिस, द्वितीय तल पर सर्जिकल वार्ड व आपरेशन कक्ष, तीसरे तल पर बच्चा वार्ड है। 150 मरीज भर्ती रहते हैं। लिफ्ट की सुविधा थी, लेकिन अस्पताल की लापरवाही से शोपीस बना रहा। दो दिन पहले लखनऊ के कई तकनीशियनों को बलिया बुलाया गया। दो दिन की कसरत के बाद 18 साल से बंद पड़ा लिफ्ट चालू हो गया है, इसमें एक साथ 18 आदमी आ जा सकते हैं। बिजली कटने पर कोई घटना नहीं हो, इसके लिए सर्वो सिस्टम लगाया जा रहा है। जिसकी सहायता से यह बीच में नहीं रूककर, नजदीकी तल पर रूकेगा, जहां लिफ्ट में सवार सभी लोग सकुशल उतर जाएंगे। यह सिस्टम महानगरों के लिफ्ट में रहता है।
1990 में हुआ था एनेक्सी भवन का शिलान्यास
सीएमएस डा. बीपी सिंह ने बताया कि सर्वो सिस्टम की सहायता से लिफ्ट बीच में नहीं रुकेगी। वह अपने आप नजदीकी तल पर ठहरेगी। जहां लिफ्ट में सवार सभी लोग सकुशल उतर जाएंगे। यह सिस्टम महानगरों के लिफ्ट में रहता है। 12 दिसंबर 1990 को जिला अस्पताल के आवासीय परिसर में 150 बेड का एनेक्सी भवन का शिलान्यास हुआ था। उसके 13 वर्ष बाद भवन का शुभारंभ हुआ, जिसमें इमरजेंसी व ओपीडी सेवा नहीं मिल रही थी।