पीएम के आगमन पर ही लगता है यहां मेनहोल पर ढक्कन, प्रशासनिक लापरवाही चरम पर
प्रधानमंत्री काशी प्रवास के दौरान जिस स्थान पर रुकते हैं उस जगह से मात्र एक किमी दूरी पर मंडुआडीह परिक्षेत्र बुरी तरह प्रशासनिक लापरवाही का नमूना बन चुका है।
वाराणसी [सुनील कटियार] । प्रधानमंत्री अपने काशी प्रवास के दौरान जिस स्थान पर रुकते हैं उस जगह से मात्र एक किलोमीटर की दूरी पर मंडुआडीह परिक्षेत्र किस कदर प्रशासनिक लापरवाही का नमूना बन चुका है इसकी बानगी मंडुआडीह क्षेत्र से गुजरते खुली आंखों से देखा जा सकता है। प्रशासन की इस लापरवाही पर अफसोस व्यक्त किया जाय या फिर लापरवाही को लेकर कोसा जाय।
लापरवाही का आलम
विगत छः माह पूर्व मंडुआडीह रेलवे क्रासिंग से लेकर मोढ़ेला तिराहे तक कि सड़क चौड़ीकरण के बाबत खोद कर चौड़ीकरण किया जा रहा था उसी दौरान मंडुआडीह गेट संख्या 3 अ पर बन रहे नए आरओबी का पीएम द्वारा उद्घाघटन किये जाने के चलते प्रशासन ने मंडुआडीह चौराहे से आरओबी तक की सड़कों को आनन-फानन में बनवा कर सड़क के बीच आ चुके विद्युत के पोल आदि को भी अविलम्ब हटवा दिया। वही मंडुआडीह चौराहे से मोढ़ेला मार्ग का चौड़ीकरण करने के उपरांत सड़क के दोनों तरफ साढ़े तीन-तीन मीटर खोदाई कर गिट्टी तो डाल दी गयी। पर उसपर सड़क बनाने और सड़क के बीच में अतिक्रमण स्वरूप बन चुके विद्युत पोल को हटाने की बात प्रशासन के दिमाग से उतर गई।
हादसों का इंतजार
इसके अलावा क्षेत्र के लगभग आधा दर्जन मेनहोल के ढक्कन टूट चुके हैं। इन्ही में से एक दो ढक्कन पीएम के आगमन के वक्त उनके राह में आने वाले मेनहोल के ढक्कनों को लगवा दिया जाता है जो पीएम के जाते ही मात्र एक सप्ताह में भारी मालवाहकों के आवागमन के चलते पुनः ध्वस्त हो जाते हैं। इन्हीं टूटे ढक्कनों को प्रशासन द्वारा न बदले जाने पर पुलिस द्वारा उसी मेनहोल पर लोहे के बैरियर रख दिये जाते हैं जो प्रतिदिन जाम का कारण बनते है। जिन दुकानों को चौड़ीकरण के दौरान उनके द्वारा किये गए अतिक्रमित हिस्से को हटवा दिया गया था। परन्तु अब उन्ही दुकानदारों द्वारा पुनः अपने दुकानों को सड़क तक विस्तारीकरण किये जाने के कारण दिन में कई बार जाम की वजह बन जाते हैं।
सड़क बन चुकी है सट्टी
मंडुआडीह आरओबी बनने के उपरांत आरओबी के नीचे से लेकर रेलवे गेट संख्या तीन अ तक कि सड़कों को फुटपाथ के किनारे सब्जी आदि की दुकान शाम होते-होते पूरे सड़क पर दुकान सज जाती हैं। लोगों को उधर से गुजरने के दौरान कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। सड़क से लेकर रेलवे लाइन तक कि जगहों पर इन ठेले खोमचे वालो ने अवैध तरीके से अपनी जगह निर्धारित कर रखी है। यह सब होता है मंडुआडीह पुलिस और आरपीएफ मंडुआडीह के सहयोग से। आरपीएफ और मंडुआडीह पुलिस का बकायदा रोज ही बंधा होता है चाहे वह नकदी के शक्ल में हो या फिर सब्जी आदि के शक्ल में। जबकि इसी रेल ट्रैक पर से एफसीआइ का खाद्यान का आवागमन होता है और डीरेका द्वारा निर्मित नए रेल इंजनों का ट्रायल किया जाता है। यही आलम रहा तो किसी न किसी दिन अमृतसर जैसी घटना से इनकार नही किया जा सकता।