वाराणसी में दीनदयाल अस्पताल में भर्ती और सर्जरी बंद रहने पर सीएमएस को अपर मुख्य सचिव ने दी चेतावनी
कोरोना की दूसरी लहर बेअसर होने के बाद भी पं. दीनदयाल उपाध्याय राजकीय अस्पताल में मरीजों की भर्ती व आपरेशन बंद होने पर अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य अमित मोहन प्रसाद के तेवर तल्ख हो गए। उन्होंने मुख्य चिकित्सा अधीक्षक को निशाने पर लिया।
जागरण संवाददाता, वाराणसी। कोरोना की दूसरी लहर बेअसर होने के बाद भी पं. दीनदयाल उपाध्याय राजकीय अस्पताल में मरीजों की भर्ती व आपरेशन बंद होने पर अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य अमित मोहन प्रसाद के तेवर तल्ख हो गए। उन्होंने मुख्य चिकित्सा अधीक्षक को निशाने पर लिया। साफ शब्दों में कहा, कोई बहानेबाजी नहीं चलेगी। मंगलवार से अस्पताल में सभी सुविधाएं चालू हो जानी चाहिए। हर हाल में ओपीडी के साथ ही मरीजों की भर्ती व सर्जरी की सेवाएं भी बहाल करें। इसमें किसी प्रकार की कोताही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। इस स्थिति में तत्काल सुधार किया जाए।
सर्जरी और अन्य सेवाएं भी हर हाल में शुरू हो
अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य अमित मोहन प्रसाद सोमवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के कार्यक्रम के बाद बीएचयू के एलडी गेस्ट हाउस में वाराणसी मंडल के स्वास्थ्य अधिकारियों के साथ बैठक कर रहे थे। उन्होंने चारो जिलों के सीएमओ, जिला प्रतिरक्षण अधिकारी व अस्पतालों के सीएमएस शामिल थे। अपर मुख्य सचिव का अधिक जोर डीडीयू अस्पताल को जनता के हित में तत्काल शुरू करने पर था। दरअसल, अस्पताल में आइपीडी बंद रहने पर सीएमएस ने कोरोना की तीसरी लहर का हवाला देते हुए सभी वार्ड आरक्षित रखने का हवाला दिया, लेकिन अपर मुख्य सचिव ने उन्हें ही आड़े हाथों ले लिया। मौसमी बीमारियों के बाद भी भर्ती बंद रखने पर अचरज जताया। कहा कि जब आपके पास 270 बेड हैं तो 70 को छोड़कर सभी में वार्डों में मरीजों की भर्ती सेवा शुरू करें। सर्जरी व अन्य सेवाएं भी हर हाल में शुरू हो।
अपर मुख्य सचिव ने कोरोना टीकाकरण भी शत प्रतिशत करने का निर्देश दिया। दरअसल, दीनदयाल अस्पताल कोरोना काल में कोविड आरक्षित कर दिया गया था। कोरोना का असर खत्म होने के बाद जागरण ने जब ध्यान दिलाया तब सिर्फ ओपीडी शुरू की गई। इसमें भी सिर्फ डेंगू पर फोकस किया गया। अन्य मरीजों को लौटाया जाता रहा।