अपर मुख्य सचिव ने किया जिला अस्पताल का निरीक्षण, स्वास्थ्य सेवाओं की परखी जमीनी हकीकत

कोविड-19 के लिए नोडल अधिकारी व अपर मुख्य सचिव देवेश चतुर्वेदी ने रविवार को पंडित दीनदयाल उपाध्याय चिकित्सालय का निरीक्षण कर स्वास्थ्य सेवाओं की जमीनी हकीकत परखी। उन्होंने अस्पताल के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक चिकित्सा अधिकारियों के साथ बैठक कर कोविड-19 मरीजों के इलाज की बारे में विस्तार से जानकारी ली।

By Abhishek SharmaEdited By: Publish:Sun, 27 Sep 2020 01:35 PM (IST) Updated:Sun, 27 Sep 2020 01:35 PM (IST)
अपर मुख्य सचिव ने किया जिला अस्पताल का निरीक्षण, स्वास्थ्य सेवाओं की परखी जमीनी हकीकत
अधिकारियों ने दीनदयाल उपाध्याय चिकित्सालय का निरीक्षण कर स्वास्थ्य सेवाओं की जमीनी हकीकत परखी।

वाराणसी, जेएनएन। कोविड-19 के लिए जनपद के नोडल अधिकारी व अपर मुख्य सचिव देवेश चतुर्वेदी ने रविवार को पंडित दीनदयाल उपाध्याय चिकित्सालय का निरीक्षण कर स्वास्थ्य सेवाओं की जमीनी हकीकत परखी। उन्होंने अस्पताल के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक, चिकित्सा अधिकारियों के साथ बैठक कर कोविड-19 मरीजों के इलाज की बारे में विस्तार से जानकारी ली। नोडल अधिकारी ने अस्पताल में वेंटिलेटर एवं एएफएनसी की उपलब्धता के बारे में मुख्य चिकित्सा अधीक्षक से पूछा। मरीजों को आक्सीजन की उपलब्धता निरन्तर बनाये रखने के बारे में क्या व्यवस्था की गयी है तथा आपात स्थिति के लिए क्या योजना है।

मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ. वी शुक्ला ने बताया कि डिमांड एवं आपूर्ति में समन्वय के लिए योजना पहले से ही बना ली गयी है तथा डिमांड से लगभग दोगुना क्षमता स्टाक में हमेशा मौजूद रहे इसकी भी व्यवस्था की गयी है। मृत मरीजों के डेथ आडिट के बारे में मुख्य चिकित्साधिकारी व मुख्य चिकित्सा अधीक्षक से पूछताछ की गयी। मृतक मरीज श्याम सुंदर के डेथ आडिट को विस्तारपूर्वक मुख्य चिकित्सा अधीक्षक द्वारा बताया गया कि मरीज कब आया, उसे कौन सी बिमारी थी, उसका आक्सीजन लेवल कितना था इत्यादि की जानकारी ली गई। बैठक में मौजूद चिकित्सा विशेषज्ञ द्वारा यह सलाह दी गयी कि को-मार्बिटिक मरीजों का ट्रूनेट या आरटीपीसीआर जांच प्राथमिकता पर कराया जाय। इससे मृत्यु दर को कम किया जा सकता है।

नोडल अधिकारी ने फोन के माध्यम से कोविड पाॅजिटिव मरीज ओमप्रकाश त्रिपाठी से बात कर उनका हाल-चाल पूछा तथा अस्पताल की व्यवस्था, खाना-नाश्ता, डाक्टरों की उपलब्धता, दवा इत्यादि के बारे में मरीज से पूछा और उनके स्वस्थ होने पर खुशी जाहिर की। मरीज द्वारा अस्पताल प्रबंधन व्यवस्था पर संतोष जाहिर किया गया। नोडल अधिकारी ने मुख्य चिकित्सा अधीेक्षक को निर्देशित किया कि संचारी रोगों के लिए चलाए जाने वाले अभियान में जो टीम घर-घर जाएगी उनको भी को-मार्बिटिक मरीजों के इलाज के बारे में पहले से बताया जाय ताकि एक साथ दोनों कार्य किया जा सके। भर्ती मरीजों के ठीक होकर घर जाने के बाद भी उनसे फीडबैक अवश्य लिया जाए जिससे और सुधार किया जा सके। इस अवसर पर जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा, विशेष कृषि उत्पादन आयुक्त शाखा उप्र अनिल ढींगरा, मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. वीबी सिंह सहित लखनऊ से आई विशेषज्ञ डाक्टरों की टीम साथ थी।

chat bot
आपका साथी