मीरजापुर में आजीविका ग्रामीण एक्सप्रेस से महिलाओं के जीवन ने पकड़ी रफ्तार, सदस्यों को मिला ब्याज रहित ऋण
योजना के तहत ग्रामीण क्षेत्र में परिवहन सेवाओं को बेहतर बनाने की कवायद की जा रही है। राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के स्वयं सहायता समूह के सदस्यों को स्वरोजगार के लिए 652000 ब्याज ऋण रहित उपलब्ध कराया जाता है।
मीरजापुर, जागरण संवाददाता। आजीविका ग्रामीण एक्सप्रेस से विंध्य क्षेत्र के महिलाओं की रोजी रोटी संग जीवन ने रफ्तार पकड़ ली है। योजना के तहत ग्रामीण क्षेत्र में परिवहन सेवाओं को बेहतर बनाने की कवायद की जा रही है। राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के स्वयं सहायता समूह के सदस्यों को स्वरोजगार के लिए 6,52,000 ब्याज ऋण रहित उपलब्ध कराया जाता है। वर्तमान समय में विकास खंड छानबे में छह, सिटी में दो, पटेहरा तीन, हलिया एक आजीविका एक्सप्रेस सफलतापूर्वक संचालित किए जा रहे हैं।
जनपद के हलिया, छानबे, लालगंज जैसे ग्रामीण व पठारी क्षेत्र में परिवहन सेवाओं को सुलभ बनाना एक चुनौतीपूर्ण कार्य था। असंभव से दिखने वाले कार्य को राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत संचालित आजीविका ग्रामीण एक्सप्रेस योजना ने सरल कर दिखाया। समूह की महिला सदस्यों ने एक सतत आजीविका का विकल्प तैयार किया, जिससे लोगों को आवागमन के लिए सुलभ साधन के साथ ही इससे जुड़ी महिलाओं और उनके स्वजनों को स्वरोजगार मिल रहा है। आज वे आत्मनिर्भर बन रही हैं और परिवार के भरण पोषण में सक्रिय भूमिका अदा कर रही हैं।
डीसी एनआरएलएम मो. नफीस ने बताया कि योजना के तहत जिला मिशन प्रबंधन इकाई से सामुदायिक संगठनों के माध्यम से चयनित वाहनों के संचालन के लिए इच्छुक समूह सदस्य को छह लाख 50 हजार ब्याज रहित ऋण मुहैया कराया जाता है। इसके तहत न्यूनतम आठ सीटर क्षमता वाले चार पहिया वाहन विकास खंड के अत्यंत सुदूर एवं पिछड़े इलाकों के चयनित मार्ग पर परिवहन सुविधा मुहैया कराने के लिए संचालित किया जाता है। महिलाओं के लिए कृषि में भी आजीविका के स्थाई अवसर बढ़ रहे हैं। मीरजापुर में 10540 स्वयं सहायता समूह से लगभग 121210 परिवार जुड़े हुए हैं। इस समय कुल 627 ग्राम संगठन है।
बोले अधिकारी : राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविक मिशन के तहत समूह का गठन करके महिलाओं को स्वरोजगार के लिए प्रेरित किया जाता है। समूह की मदद से आज ग्रामीण क्षेत्र की महिलाएं भी स्वावलंबी बन रही हैं। समूह की महिलाओं की प्रेरणा से आज दूसरी महिलाएं भी घर से निकलकर स्वरोजगार के लिए प्रयास कर रही हैं। - मो. नफीस, डीसी मनरेगा, मीरजापुर।