वाराणसी में रविवार को शहर भर में सफाई को लेकर नगर निगम सदन में मचा हंगामा
रविवार को सफाई करने का मुद्दा नहीं शामिल होने की वजह से विपक्ष चर्चा करने पर अड़ा रहा। महापौर के बचाव में उतरे भाजपा पार्षद राजेश यादव चल्लू ने कहा कि जो प्रस्ताव कार्यकारिणी की बैठक में आये हैं उन्हीं प्रस्ताव पर ही चर्चा करने के लिए अनुरोध किया।
वाराणसी, जागरण संवाददाता। Nagar Nigam Varanasi महापौर मृदुला जायसवाल ने शहर में नगरीय व्यवस्था को सुचारु करने के लिए चर्चा करने की स्वीकृति दे दी। हालांकि, प्रस्ताव से इतर चर्चा नहीं करने का उन्होंने अनुरोध किया। वहीं महापौर अतिरिक्त वजहों को लेकर नाराज भी नजर आईं। इसके बाद अनिश्चित काल के लिए सदन स्थगित करने के लिए चेताया। इस दौरान पार्षद नहीं माने और हंगामा जारी रहा। दोपहर दो बजे सदन में अधिक हंगामा होने लगा तो सदन की कार्रवाई आधे घंटे के लिए स्थगित कर दी गई।
प्रस्ताव में रविवार को सफाई करने का मुद्दा नहीं शामिल होने की वजह से विपक्ष चर्चा करने पर अड़ा रहा। महापौर के बचाव में उतरे भाजपा पार्षद राजेश यादव चल्लू ने कहा कि जो प्रस्ताव कार्यकारिणी की बैठक में आये हैं उन्हीं प्रस्ताव पर ही चर्चा करने के लिए अनुरोध किया। इस दौरान नगर आयुक्त प्रणय सिंह ने स्थिति स्पष्ट की। कहा, संसाधनों की कमी होने की वजह से दिक्कतें हैं। नियमित सफाई सम्भव नहीं है लेकिन वीआइपी शहर होने से यहां पर माननीय लोगों का आगमन नियमित होता है। ऐसे में माह के कई सप्ताह रविवार को सफाई हो ही जाती है। इस पर विपक्ष बिफर गया।
वहीं नगर आयुक्त के बयान की निंदा करते हुए कहा कि सपा और कांग्रेस के पार्षदों के वार्ड में सफाई नहीं होती है। जबकि सपा सरकार में कोई भेद नहीं होता था। सदन में गतिरोध बरकरार। चर्चा नहीं हो रही। भाजपा व विपक्ष पार्षद अपनी अपनी मांगों पर अड़े हुए हैं। महापौर ने सामने कुर्सी पर चढ़कर सदन के बाहर जाने के लिए चेताया। इस पर विपक्ष के पार्षदों में नरमी आई। सदन ने सर्वसम्मति से नगर आयुक्त प्रणय सिंह को आदेशित किया कि सदन के समक्ष स्वच्छता के लिए नगर निगम में उपलब्ध मैन पावर और मैकेनिकल संसाधन का ब्यौरा प्रस्तुत करें। इसके बाद सदन की चर्चा फिर शुरू हुई। हालांकि, प्रस्ताव पर चर्चा दोपहर बाद तक नहीं हो सकी थी।
आया पहला प्रस्ताव : नगर निगम क्षेत्र में तम्बाखू उत्पादों की बिक्री के लिए लाइसेंस शुल्क निर्धारण की। नगर स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. एनपी सिंह ने सदन के पटल पर रखा। कांग्रेस के सीताराम केसरी ने प्रस्ताव का समर्थन किया गया। साथ ही प्रदेश सरकार को तम्बाकू को पूरे प्रदेश में प्रतिबंधित करने की मांग की।