जीबनेंदु हत्याकांड का 50 हजार रुपये का इनामी विक्रम गिरफ्तार, एक आरोपित अभी भी चल रहा फरार

शांतिगोपाल कानकास्ट कंपनी के डायरेक्टर जीबनेंदु हत्याकांड के चौथे आरोपित को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। उसके पास से नाइम एमएम की एक पिस्टल व कारतूस बरामद हुआ है। 27 सितंबर की रात जीबनेंदु रथ की रंगदारी न देने पर गोली मारकर हत्या कर दी थी।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Publish:Tue, 20 Oct 2020 05:53 PM (IST) Updated:Tue, 20 Oct 2020 05:53 PM (IST)
जीबनेंदु हत्याकांड का 50 हजार रुपये का इनामी विक्रम गिरफ्तार, एक आरोपित अभी भी चल रहा फरार
जीबनेंदु हत्याकांड के पकड़े गए चौथे आरोपित के बारे में पुलिस लाइन में पत्रकारों को जानकारी देते एएसपी संजय वर्मा।

मीरजापुर, जेएनएन। शांतिगोपाल कानकास्ट कंपनी के डायरेक्टर जीबनेंदु हत्याकांड के चौथे आरोपित एवं 50 हजार रुपये के इनामी विक्रम यादव को पुलिस ने चुनार कोतवाली के अचितपुर गांव स्थित यादव ढाबे के पास गिरफ्तार कर लिया। उसके पास से नाइम एमएम की एक पिस्टल व कारतूस बरामद हुआ है। ये जानकारी एएसपी संजय कुमार वर्मा ने प्रेस प्रतिनिधियों को दी। उन्होंने बताया कि अभी एक आरोपित मनीष उर्फ सोनू फरार चल रहा है जिसकी तलाश की जा रही है।

मंगलवार को पुलिस लाइन में एएसपी ने बताया कि विक्रम सहित पांच लोगों ने 27 सितंबर की रात चुनार कोतवाली के कबीर मठ रामलीला मैदान के पास शांतिगोपाल कानकास्ट कंपनी के डायरेक्टर जीबनेंदु रथ की रंगदारी न देने पर गोली मारकर हत्या कर दी थी। इस मामले में अब तक भोनु उर्फ अजय यादव, अनिल यादव व भानु उर्फ अजीत यादव की गिफ्तारी हो चुकी है जबकि विक्रम यादव व मनीष सिंह उर्फ सोनू फरार चल रहे थे। विक्रम यादव पुत्र मुसे यादव निवासी अचितपुर पुरैनी अदलहाट मूल निवासी सिरगोवर्धन थाना लंका जनपद वाराणसी चुनार के धौहा पहाड़ी पर 16 अक्तूूबर को पुलिस ने घेरा तो मुठभेड़ के दौरान वह चकमा देकर फरार हो गया था जबकि उसका साथी भानु उर्फ अजीत यादव गिरफ्तार कर लिया गया था। उसी समय से विक्रम की तलाश की जा रही थी। सोमवार को सूचना मिली कि विक्रम चुनार स्थित एक फैक्ट्री के किसी कर्मचारी को धमकाने के लिए आ रहा है। जानकारी होते ही सीओ चुनार सुशील कुमार यादव के नेतृत्व में चुनार कोतवाल मनोज सिंह, अदलहाट निरीक्षक प्रमोद यादव, स्वाट टीम के रामस्वरुप बृजेश व वीरेंद्र, जयदीप अजय यादव आदि ने अचितपुर गांव के पास यादव ढाबा के पास घेराबंदी करके दबोच लिया। पूछताछ में विक्रम ने बताया कि बदमाशों के संगत में आने के बाद वह अपराधी बन गया।

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