वाराणसी में उत्पीड़न के मामले में अनुश्रवण समिति की बैठक में मदद को 90 लाभार्थियों के बीच बंटा 59 लाख

माता-पिता एवं वरिष्ठ नागरिकों का भरण-पोषण तथा उक्त के अंतर्गत गठित जनपद स्तरीय अनुश्रवण समिति की बैठक करते हुए जिलाधिकारी ने निर्देशित किया कि तहसील स्तर पर प्राप्त आवेदन पत्रों पर सुनवाई करते हुए उसका शत-प्रतिशत निस्तारण करायें।

By Abhishek SharmaEdited By: Publish:Fri, 30 Jul 2021 04:50 PM (IST) Updated:Fri, 30 Jul 2021 04:50 PM (IST)
वाराणसी में उत्पीड़न के मामले में अनुश्रवण समिति की बैठक में मदद को 90 लाभार्थियों के बीच बंटा 59 लाख
जिलाधिकारी ने निर्देशित किया कि तहसील स्तर पर प्राप्त आवेदन पत्रों पर सुनवाई करते हुए उसका शत-प्रतिशत निस्तारण करायें।

जागरण संवाददाता, वाराणसी। जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा ने कैम्प कार्यालय पर अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति तथा जिला सतर्कता एवं अनुश्रवण समिति की बैठक की। सबसे पहले पूर्व के जारी आदेशों की समीक्षा की। इसके बाद अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम के अंतर्गत अप्रैल 2021 से अब तक के उत्पीड़न के मामलों में 90 लाभार्थियों को कुल 59.56 लाख रुपये धनराशि उपलब्ध करायी। एक लंबित प्रकरण में संबंधित क्षेत्राधिकारी को निर्देश जारी कि 10 दिन के अंदर कार्यवाही करते हुए रिपोर्ट प्राप्त किया जाय।

एससी, एसटी व सामान्य वर्ग के गरीब व्यक्तियों के पुत्रियों की शाादी अनुदान योजना स्वीकृति में कुल 1184 आवेदन आनलाइन प्राप्त हुए इसमे 121 आवेदन पत्र स्वीकृति के योग्य मिले। शादी अनुदान में अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति के लोगों को ज्यादा से ज्यादा लाभ दिलाने हेतु इसका प्रचार-प्रसार कराने का निर्देश दिया गया। उन्होंने कहा कि इस आयोजन में समिति के लोगों को भी बुलाया जाय तथा इस आयोजन में धार्मिक परंपराओं का भी ध्यान रखा जाय।

माता-पिता एवं वरिष्ठ नागरिकों का भरण-पोषण तथा उक्त के अंतर्गत गठित जनपद स्तरीय अनुश्रवण समिति की बैठक करते हुए जिलाधिकारी ने निर्देशित किया कि तहसील स्तर पर प्राप्त आवेदन पत्रों पर सुनवाई करते हुए उसका शत-प्रतिशत निस्तारण करायें। अगर प्रकरण न्यायालय में लम्बित हैं तो प्रभावी पैरवी कर जल्द से जल्द निस्तारण की कोशिश करें। बैठक में मौजूद उपजिलाधिकारीगण को निर्देशित किया कि 15 दिन के अंदर लम्बित मामलों की सुनवाई करते हुए निस्तारण करें।

वृद्धा आश्रम में डाक्टरों की उपस्थित एवं दवा उपलब्ध न कराये जाने को गंभीरता से लेते हुए उन्होंने संबंधित चिकित्सकों के विरूद्ध कारण बताओ नोटिस जारी करने का निर्देश दिया। बैठक में मानसिक चिकित्सालय के किसी भी अधिकारी की उपस्थित न होने पर उन्होंने संबंधित अधिकारी का आज का वेतन रोकने का आदेश देते हुए कहा मुख्य चिकित्साधिकारी डाक्टरों की उपस्थिति उसी क्षेत्र के पीएचसी या सीएचसी से अवश्यक करायेें जिससे वृद्धजनों की देख-रेख हो सके।

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