वाराणसी में 58 गांवों के हॉटस्पाट बनने से रोके गए काम, 3220 मनरेगा मजदूर हुए बेरोजगार
वाराणसी में 58 गांवों के हॉटस्पाट बनने से वहां पर काम रोके गए 3220 मनरेगा मजदूर बेरोजगार हो गए।
वाराणसी, जेएनएन। देश में लॉकडाउन के बाद से लाखों की संख्या में लोग बेरोजगार हो गए हैं। इसलिए सरकार का प्रयास है कि कैसे लोगों को अधिक से अधिक रोजगार उपलब्ध कराया जाए। इसके लिए गांवों में मनरेगा से लोगों को जोड़कर काम दिलाया गया। काम शुरू भी हो गया। मजदूरों को रोजगार मिलने लगा। इसी बीच जिले के 3220 मजदूर बेरोजगार हो गए। कारण था कि ये मजदूर जहां काम कर रहे थे वे गांव कोरोना पाजिटिव के कारण हॉटस्पाट में तब्दील हो गए हैं।
सरकार की मंशा थी कि मनरेगा से अधिक से अधिक लोगों को रोजगार मनरेगा में दिया जाए। इसी का परिणाम रहा कि जिले में एक साथ करीब 32 हजार मनरेगा मजदूरों को काम दे दिया गया। यह संख्या जिले के लिए एक नया रिकार्ड थी। आए दिन नए कार्य शुरू होने लगे। इस बीच लॉकडाउन 04 में बड़ी संख्या में प्रवासी मजदूर गांवों में आने लगे। परिणामस्वरूप आए दिन गांवों में पहुंचे प्रवासी कोरोना पाजिटिव मिलने लगे। पाजिटिव मिलने से गांवों को सील कर हॉटस्पाट में तब्दील कर दिया गया। ऐसी स्थिति में लोगों का एक स्थान से दूसरे स्थान तक आना जाना बंद कर दिया जाता है। परिणामस्वरूप मनरेगा के विकास कार्य भी बंद कर दिए गए। एक-एक जनपद में 58 गांव हॉटस्पाट में तब्दील हो गए हैं। आए दिन सैकड़ों की संख्या में मजदूर बेरोजगार होते जा रहे हैं।
वाराणसी में मनरेगा का हाल
08-कुल विकास खंड
151782-पंजीकृत मनरेगा मजदूर
70864-सक्रिय मनरेगा परिवार
698-अब जिले में कुल ग्रामसभा
62-ग्राम सभा नगर निगम में शामिल
58-हॉटस्पाट के कारण काम बंद
जब गांव ग्रीन जोन में आएगा तब वहां दोबारा काम शुरू होगा
गांव जब तक हॉटस्पाट रहेगा तब तक वहां पर सभी गतिविधियां ठप कर दी जाती हैं। जब गांव ग्रीन जोन में आएगा तब वहां दोबारा शारीरिक दूरी आदि सुरक्षा मानकों के साथ काम शुरू होगा।
- करुणाकर अदीब, उपायुक्त (श्रम रोजगार) वाराणसी।