55 घंटे का प्रतिबंध : वाराणसी में शाम होने के साथ थमने लगे रोडवेज बसों के पहिए

कोरोना संकट के चलते 55 घंटे का प्रतिबंध का आदेश होने के साथ शुक्रवार को दोपहर से ही वाराणसी में परिवहन निगम की बसों के पहिए थमने लगे।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Publish:Fri, 10 Jul 2020 09:52 PM (IST) Updated:Sat, 11 Jul 2020 09:47 AM (IST)
55 घंटे का प्रतिबंध : वाराणसी में शाम होने के साथ थमने लगे रोडवेज बसों के पहिए
55 घंटे का प्रतिबंध : वाराणसी में शाम होने के साथ थमने लगे रोडवेज बसों के पहिए

वाराणसी, जेएनएन। कोरोना संकट के चलते 55 घंटे का प्रतिबंध का आदेश होने के साथ शुक्रवार को दोपहर से ही परिवहन निगम की बसों के पहिए थमने लगे। चालक और परिचालक को था कि जल्द से जल्द बसों को लेकर डिपो पहुंच जाए और घर पहुंचने में पेरशानी नहीं हो। वहीं, यात्रियों को भी जल्दी थी कि बस पकड़कर अपने घर पहुंच जाए। रोज की अपेक्षा बस स्टैंड से 170 बसें रवाना हुई और 5963 यात्री गए। जब कि सामान्य दिनों में 100 से 130 बसें चलती हैं। शाम पांच बजे के बाद रोडवेज बस स्टैंड पर सियापा छाने लगा और रात आठ बजे गिने -चुने यात्री व कर्मचारी रह गए। वहीं, बस स्टैंड की सुरक्षा को देखते हुए सुरक्षा कॢमयों को सतर्क रहने को कहा गया है। 

शुक्रवार की रात 10 बजे से 55 घंटे के प्रतिबंध का आदेश के चलते रोज की अपेक्षा बस स्टैंड पर सुबह से लेकर दोपहर तक यात्रियों की भीड़ रही। सबको अपने घर जाने की जल्दी रही। ऐसे लोगों की संख्या ज्यादा थी जो प्राइवेट नौकरी करते हैं। वहीं, दूर-दराज के दुकानदार भी अपनी दुकानें बंद करके घर को चलते बने। शाम सात बजे के बाद ज्यादातर बसें खाली आ रही थी। साथ ही बस स्टैंड से बसें जाना बंद हो गई थी, क्योंकि जाने के बाद लौटने में देरी होगी। रात आठ बजे के बाद पूछताछ काउंटर से अलाउंस करके सभी को बस स्टैंड से बाहर जाने को कहा जा रहा था। 

बिचौलियों की चांदी

लॉकडाउन की सूचना मिलते ही बिचौलिए कैंट बस अड्डे के इर्द-गिर्द मंडराने लगे। सासाराम, रांची, पटना और झारखंड जाने वाले यात्रियों को पकडऩे लगे। बिचौलियों को मालूम है कि शाम के बाद कोई बस यहां से नहीं निकलेगी। वहीं, बस स्टैंड पर तैनात सुरक्षा कर्मी उन्हेंं रोकने की बजाय उन्हेंं सलाह देते रहे।

50 बसें रहेंगी रिजर्व

लॉकडाउन के दौरान बस स्टैंड पर 50 बसें रिजर्व रखीं गई जो आपातकालीन परिस्थितियों में कहीं भी भेजा जा सके। जरूरत पडऩे पर बसों की संख्या बढ़ाई जाएगी। क्षेत्रीय प्रबंधक एसके राय का कहना है कि जिला प्रशासन के निर्देश पर बसों को भेजा जाएगा। साथ ही कैंट रेलवे स्टेशन पर भी बसें खड़ी रहेंगी, ट्रेन से आने वाले यात्रियों को उनके गंतव्य पहुंचाया जाएगा।

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