वाराणसी में मुख्तार अंसारी के नाम पर 50 लाख की रंगदारी और जमीन कब्जा का मुकदमा दर्ज
आरिफ के अनुसार उसके पिता ने वर्ष 1962 में मौजा जोल्हा परगना देहात में एक बीघा जमीन खरीदी थी। उसमें से कुछ जमीन पिता ने बेच दी थी। वर्ष 2016 में मुख्तार अंसारी के गुर्गों की निगाह जमीन पर पड़ गई।
वाराणसी, जेएनएन। विधायक मुख्तार अंसारी के नाम पर 50 लाख रुपये की रंगदारी मांगने और जबरन भूमि पर कब्जा करने का मामला वाराणसी में सामने आया है। इस मामले में रविवार को रेवडी तालाब निवासी मोहम्मद आरिफ की तहरीर पर मुख्तार के चचेरे भाई मंसूर अंसारी, गणेशपुर सुसुवाही निवासी विक्रम विज, अगस्तकुंडा के आशीष गुप्ता, नई दिल्ली के न्यू रंजीत नगर वेस्ट पटेल नगर के जावेद मकसूद, शबनम, कोमल, अफजान व एक अज्ञात के खिलाफ रंगदारी मांगने, धोखाधडी सहित अन्य आरोपों के तहत शिवपुर थाने में मुकदमा दर्ज किया गया है।
भुक्तभोगी आरिफ के अनुसार उसके पिता ने वर्ष 1962 में मौजा जोल्हा परगना देहात में एक बीघा जमीन खरीदी थी। उसमें से कुछ जमीन पिता ने बेच दी थी। बाकी जमीन उनकी मृत्यु के बाद वरासत के जरिए आरिफ व उसके दो अन्य भाइयों के नाम दर्ज हो गई। वर्ष 2016 में मुख्तार अंसारी के गुर्गों की निगाह जमीन पर पड़ गई। वे जमीन बेचने का दबाव बनाने लगे। मुख्तार के लोगों के दबाव में आकर वह और उसका भाई एक-एक करोड़ में जमीन बेचने को तैयार हो गए। सात अक्टूबर 2016 को मुख्तार के लोग उसे और उसके भाई को घर से जबरन कचहरी ले गए और पहले से तैयार दस्तावेज पर रस्तखत कराने लगे। आरिफ ने बताया कि जब उसने और उसके भाई ने पूर्व निर्धारित रकम देने को कहा तो सभी ने मुख्तार अंसारी के नाम पर जान लेने की धमकी दी।
इसके बाद आरिफ व उसके भाइयों को 22 लाख 50 हजार रुपये के दो चेक दिए गए। चेक बैंक में जमा करने पर बाउंस हो गए। काफी भागदौड के बाद सात मार्च 2017 को फिर से चेक दिया गया। इसबार भी चेक बाउंस कर गया। इस पर पैसे की मांग की गई तो जान से मारने की धमकी दी गई। 13 जनवरी 2021 को वह सदर तहसील से घर लौट रहा था कि तभी उसे आरोपितों ने पिस्टल सटाकर मुख्तार के नाम पर जमीन का बकाया भूल जाने व जान से मारने की धमकी दी। इससे आरिफ व उनका परिवार सहमा हुआ है। इंस्पेटर राजीव रंजन उपाध्याय ने बताया कि तहरीर के आधार पर मुकदमा दर्ज कर जांच में पुलिस जुट गई है।