उत्‍तर प्रदेश में मुसाफिरों का सफर आसान बनाने को हाइवे किनारे बनेंगे 45 शौचालय

हाइवे पर मुसाफिरों का सफर आसान बनाने के लिए 45 सामुदायिक शौचालय बनाए जाएंगे। निर्माण का जिम्मा पंचायत विभाग को दिया गया है। प्रत्येक शौचालय पर तीन लाख रुपये खर्च होंगे। इतना ही नहीं शौचालय के किनारे सुंदर पार्क बनाया जाएगा।

By Abhishek SharmaEdited By: Publish:Tue, 08 Jun 2021 09:36 PM (IST) Updated:Tue, 08 Jun 2021 09:36 PM (IST)
उत्‍तर प्रदेश में मुसाफिरों का सफर आसान बनाने को हाइवे किनारे बनेंगे 45 शौचालय
दूर का सफर तय करने वाले लोग फुरसत के कुछ पल बिता सकें।

जौनपुर, जेएनएन। हाइवे पर मुसाफिरों का सफर आसान बनाने के लिए 45 सामुदायिक शौचालय बनाए जाएंगे। निर्माण का जिम्मा पंचायत विभाग को दिया गया है। प्रत्येक शौचालय पर तीन लाख रुपये खर्च होंगे। इतना ही नहीं शौचालय के किनारे सुंदर पार्क बनाया जाएगा, जिससे दूर का सफर तय करने वाले लोग फुरसत के कुछ पल बिता सकें।

पंचायत विभाग की ओर से वाराणसी-सुल्तानपुर हाइवे पर जिले की सीमा में 35 स्थान चिन्हित किए गए हैं। कुछ जगहों पर विवाद की वजह से यह पूर्ण नहीं हो सका है, जिसके लिए राजस्व विभाग की मदद ली जाएगी। निर्माण एक से डेढ़ बिस्वा में कराया जाएगा। इसके साथ ही इसके किनारे बनाए जाने वाले पार्क में आकर्षक पौधे लगाए जाएंगे।

पूर्व जिलाधिकारी ने बनाई थी योजना

पूर्व जिलाधिकारी रहे दिनेश कुमार सिंह ने इस पर योजना बनाई थी। उनके ही प्रयास से यह प्रस्ताव स्वीकृत भी हुआ। हालांकि इसके कुछ ही समय बाद उनका तबादला हो गया व एकाएक बढ़े कोरोना संक्रमण की वजह से यह योजना परवान नहीं चढ़ सकी। हालांकि अब इस मुहिम को दोबारा न सिर्फ रफ्तार दिए जाने की तैयारी की गई है, बल्कि शौचालयों की संख्या भी बढ़ा दी गई है।

बदला नजर आएगा नजारा

हाइवे किनारे जगह-जगह पार्क होने से नजारा तो बदलेगा ही, पर्यावरण संरक्षण के लिहाज से भी यह बेहतर होगा। हाइवे निर्माण के दौरान बड़ी संख्या में वृक्षों को काट तो दिया गया, लेकिन उस अनुपात में पौधे लगाए नहीं गए, जिसका पर्यावरण पर विपरीत प्रभाव पड़ रहा है।

बोले अधिकारी : बक्शा के समीप इस पहल की शुरुआत की गई है। हाइवे किनारे कुल 45 शौचालय बनाए जाने हैं। अधिकांश स्थानों का चिह्नित कर लिया गया है। शेष रह गए स्थानों को भी जल्द ही चिन्हित कर लिया जाएगा, जिससे निर्माण में किसी प्रकार की असुविधा न हो। -संतोष कुमार, जिला पंचायत राज अधिकारी।

chat bot
आपका साथी