बीएचयू में टीचिंग के 422 और नान टीचिंग के 3695 सीटें खाली, राज्यसभा में शिक्षा मंत्री ने दिया जवाब
बीएचयू में करीब एक चौथाई टीचिंग पोस्ट खाली हैं वहीं नान टीचिंग में तो आधे से थोड़ कम पोस्ट अभी तक नहीं भरे गए। टीचिंग में 2104 पोस्ट में से 422 और नान टीचिंग के 8846 में से 3695 सीटें खाली हैं।
जागरण संवाददाता, वाराणसी। बीएचयू में करीब एक चौथाई टीचिंग पोस्ट खाली हैं, वहीं नान टीचिंग में तो आधे से थोड़ कम पोस्ट अभी तक नहीं भरे गए। टीचिंग में 2104 पोस्ट में से 422 और नान टीचिंग के 8846 में से 3695 सीटें खाली हैं। भाजपा से राज्यसभा सदस्य नीरज शेखर की ओर से राज्यसभा में पूछे गए एक प्रश्न के जवाब में यह जानकारी मिली।
केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने यह जानकारी देते हुए बताया कि देश भर के केंद्रीय विश्वविद्यालयों में 18911 टीचिंग पोस्ट हैं, जिनमें से 6136 सीटें खाली हैं, वहीं नान टीचिंग में 36351 सीटों में से 13706 पोस्ट खाली पड़ी हैं। इसके अलावा इंदिरा गांधी नेशनल ओपन यूनिवर्सिटी में कुल 444 टीचिंग पोस्ट हैं इनमें से 198 पर नियुक्ति नहीं हुई है, जबकि नान टीचिंग के 2499 से 1235 पोस्ट अभी तक भरे नहीं गए हैं। नीरज शेखर ने राज्यसभा में पूछा था कि देश के सभी केंद्रीय विश्वविद्यालयों में स्वीकृत और खाली पदों की जानकारी दी जाए।
बीएचयू की बात करें करीब 32 हजार छात्र यहां पर पढ़ाई करते हैं वहीं फैकल्टी की कमी शिक्षक और छात्र अनुपात के अनुपात को असंतुलित करते हैं। यहां यह जानना जरूरी है कि किसी भी विश्वविद्यालय की बेहतर रैंकिंग में छात्र-शिक्षक अनुपात काफी मायने रखता है। रैंकिंग का सबसे बेहतर पैरामीटर इसी अनुपात को माना जाता है।
हाल ही ही में आए क्यूएस रैंकिंग में पहली बार बीएचयू शीर्ष एक हजार शैक्षणिक संस्थानों से बाहर हो गया। इसमें इस अनुपात का कम होना बहुत बड़ा कारक था। अब सीटों की बात करें तो नेशनल संस्कृत यूनिवर्सिटी में टीचिंग और नान टीचिंग में पांच पद ही खाली हैं। जबकि जेएनयू में 308, दिल्ली यूनिवर्सिटी में 846, जामिया में 207, अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में 291, इलाहाबाद यूनिवर्सिटी में 598 और लखनऊ स्थित भीमराव आंबेडकर यूनिवर्सिटी में 42 शिक्षकों के पद खाली हैं।