एक ही रजिस्ट्रेशन नंबर से उत्‍तर प्रदेश के अलग-अलग जिलों में 28 डायग्नोस्टिक सेंटर

डायग्नाेस्टिक सेंटरों को लेकर पहले भी तमाम तरह के सवाल उठते रहे हैं। मगर इस बार मामला ही बिल्कुल अलग है। जिस रजिस्ट्रेशन नंबर से बनारस में न्यू हंस डायग्नोस्टिक सेंटर संचालित है उसी नंबर से प्रदेशभर में 28 और भी केंद्र चलाए जा रहे हैं।

By Abhishek SharmaEdited By: Publish:Sun, 05 Sep 2021 09:38 AM (IST) Updated:Sun, 05 Sep 2021 09:38 AM (IST)
एक ही रजिस्ट्रेशन नंबर से उत्‍तर प्रदेश के अलग-अलग जिलों में 28 डायग्नोस्टिक सेंटर
डायग्नाेस्टिक सेंटरों को लेकर पहले भी तमाम तरह के सवाल उठते रहे हैं।

जागरण संवाददाता, वाराणसी। निजी डायग्नाेस्टिक सेंटरों को लेकर पहले भी तमाम तरह के सवाल उठते रहे हैं। मगर इस बार मामला ही बिल्कुल अलग है। जिस रजिस्ट्रेशन नंबर से बनारस में न्यू हंस डायग्नोस्टिक सेंटर संचालित है, उसी नंबर से प्रदेशभर में 28 और भी केंद्र चलाए जा रहे हैं। यह तो बानगी भर है। जनपद में इस तरह के 41 रजिस्ट्रेशन नंबर हैं, जिनके माध्यम से बनारस ही नहीं अन्य जनपदों में धड़ल्ले से जांच का 'बड़ा खेल' चल रहा है।

लगातार मिल रही शिकायतों का संज्ञान लेते हुए डायरेक्टर जनरल (फैमिली वेलफेयर) कार्यालय की ओर से जांच हुई। इसमें पाया गया कि एक ही डाक्टर के नाम से और एक ही रजिस्ट्रेशन नंबर से अलग-अलग जिलों में डायग्नोस्टिक सेंटर संचालित किए जा रहे हैं, जाे कि नियमों के बिल्कुल विपरीत हैं। इस पर ज्वाइंट डायरेक्टर पीसी-पीएनडीटी (प्री-कांसेप्शन एंड प्री-नेटल डायग्नोस्टिक टेक्नीक) संजय कुमार साइवाल ने प्रदेशभर के करीब 1000 डायग्नोस्टिक सेंटर के 150 रेडियोलाजिस्ट को समन भेजा है। सभी को शैक्षणिक दस्तावेज संग पंजीयन प्रमाणपत्र 16 सितंबर को लखनऊ कार्यालय में प्रस्तुत करना होगा। ऐसा न करने वालों पर सख्त कार्यवाही की जाएगी।

एक पंजीयन से दो सेंटर, वो भी एक शहर में : नियम के मुताबिक एक पंजीयन नंबर से एक रेडियोलाजिस्ट अधिकतम दो डायग्नोस्टिक सेंटर संचालित कर सकता है, और दोनों एक ही जनपद में होने चाहिए। इसके विपरीत विभागीय लोगों की संलिप्तता के चलते पंजीयन नंबर के दुरुपयोग का खेल धड़ल्ले से चल रहा है। 16 दिसंबर 2020 को जंसा रोड हरदेवा गेट के सामने स्थित निजी अल्ट्रासाउंड सेंटर द्वारा चोरी की डिग्री पर लाइसेंस लेने का मामला प्रकाश में आया था। जिस व्यक्ति के एमडी-रेडियोलाजिस्ट की डिग्री पर 12 जून 2020 से 11 फरवरी 2025 तक का लाइसेंस मिला था, वह मेरठ के रहने वाले हैं और कानपुर स्थित निजी हास्पिटल में कार्यरत हैं। इस मामले में सीएमओ कार्यालय में शिकायत भी दर्ज कराई गई थी।

बनारस के 41 रेडियोलाजिस्ट को समन : जनपद के 41 रेडियोलाजिस्ट के नाम से प्रदेशभर में करीब 150 डायग्नोस्टिक सेंटर संचालित हैं। पंजीयन नंबर 63532 से न्यू हंस डायग्नोस्टिक सेंटर चल रहा है। इसी पंजीयन नंबर से आजमगढ़, बरेली, बुलंदशहर, इटावा, बाराबंकी, गोरखपुर, गाेंडा, गाजीपुर, महाराजगंज, मीरजापुर, कन्नौज, महोबा सहित 25 जनपदों में 28 डायग्नोस्टिक सेंटर संचालित हैं। वहीं पंजीयन नंबर 25184 से आशीर्वाद क्लीनिका का जांच केंद्र संचालित है, जिससे गैर जनपदों में 14 अन्य केंद्र भी चलाए जा रहे हैं। रजिस्ट्रेशन नंबर 12258 से आयुष डायग्नोस्टिक एंड अल्ट्रासाउंड एवं रजिस्ट्रेशन नंबर 047966 से साईनाथ हास्पिटल के अलावा दूसरे जनपदों में सात-सात अन्य केंद्र चल रहे हैं।

बोले अधिकारी : इस तरह का मामला मेरे संज्ञान में नहीं है। इसकी पूरी जानकारी कर जनपद स्तर पर मामले में उचित एवं नियमानुसार कार्यवाही की जाएगी। - डा. वीबी सिंह, सीएमओ-वाराणसी। 

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