वाराणसी में 250 निजी विद्यालय अब भी आरटीई के पोर्टल से बाहर, बाल अधिकार संरक्षण आयोग से जांच का दिया निर्देश

वाराणसी के करीब 250 निजी विद्यालयों ने अब तक राइट-टू-एजुकेशन (आरटीई) पोर्टल पर अपना रजिस्ट्रेशन नहीं कराया है। इसके चलते आर्थिक रूप से कमजोर बच्चों इन विद्यालयों में मुफ्त दाखिले के अधिकार से वंचित हो रहे हैं। दोबारा आयोग को लिखे पत्र में उन्होंने कहा कि जिसके खिलाफ जांच है।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Publish:Wed, 22 Sep 2021 10:46 PM (IST) Updated:Wed, 22 Sep 2021 10:46 PM (IST)
वाराणसी में 250 निजी विद्यालय अब भी आरटीई के पोर्टल से बाहर, बाल अधिकार संरक्षण आयोग से जांच का दिया निर्देश
वाराणसी के करीब 250 निजी विद्यालयों ने अब तक राइट-टू-एजुकेशन (आरटीई) पोर्टल पर अपना रजिस्ट्रेशन नहीं कराया है।

जागरण संवाददाता, वाराणसी। जनपद के करीब 250 निजी विद्यालयों ने अब तक राइट-टू-एजुकेशन (आरटीई) पोर्टल पर अपना रजिस्ट्रेशन नहीं कराया है। इसके चलते आर्थिक रूप से कमजोर बच्चों इन विद्यालयों में मुफ्त दाखिले के अधिकार से वंचित हो रहे हैं।

इस संबंध में अधिवक्ता गौतम कुमार सिंह ने राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग से भी शिकायत दर्ज कराई है। इसमें उन्होंने कहा है कि आरटीई के तहत निजी विद्यालयों को कक्षा एक में सीट का 25 फीसद आर्थिक रूप से कमजोर परिवार के बच्चों का मुफ्त दाखिला करने का प्रावधान है। आरटीई के बचने के लिए कई निजी विद्यालय पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन नहीं करा रहे हैं। दूसरी ओर बेसिक शिक्षा विभाग की मिली भगत से पोर्टल पर कई निजी विद्यालयों कक्षा एक में सीटों की संख्या कम दर्शाया है ताकि कम से कम बच्चों को मुफ्त दाखिला लिया जा सके। उन्होंने इस खेल में बेसिक शिक्षा विभाग के शामिल होने का आरोप लगाया है। इसे देखते हुए आयोग ने डीएम से इसकी जांच करवाने का सुझाव दिया है। दूसरी ओर अपर जिलाधिकारी बच्चू ने बीएसए को ही जांच सौंप दी है। इस पर अधिवक्ता गौतम कुमार सिंह कड़ी आपत्ति जताई है। दोबारा आयोग को लिखे पत्र में उन्होंने कहा कि जिसके खिलाफ जांच है। जिला प्रशासन उसी को जांच अधिकारी बना दिया है।

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