सावन के पहले सोमवार पर 25 लाख रुपये की हुई बिक्री, फूलों की सुगंध में ' महंगाई ' की गमक
सावन चढ़ते ही फूल-माला की मांग बढ़ जाती है। ऐसे में जब उत्पादन कम हो तो भाव बढ़ना स्वाभाविक है। सावन के पहले सोमवार को फूल मंडियों में ग्राहकों की खूब भीड़ उमड़ी थी। लेकिन फूलों की सुगंध में महंगाई की गमक आने से बाजार थोड़ा बेजार हो गया।
जागरण संवाददाता, वाराणसी। सावन चढ़ते ही फूल-माला की मांग बढ़ जाती है। ऐसे में जब उत्पादन कम हो तो भाव बढ़ना स्वाभाविक है। सावन के पहले सोमवार को फूल मंडियों में ग्राहकों की खूब भीड़ उमड़ी थी। लेकिन फूलों की सुगंध में महंगाई की गमक आने से बाजार थोड़ा बेजार हो गया। सावन के पहले सोमवार को घरों में अभिषेक और श्रृंगार कराने के लिए भी लोगों ने एक-दो माला खरीदकर काम चलाया। मलदहिया फूल मंडी में ग्राहकों की तो थोड़ी जुटान भी थी तो बांसफाटक मंडी में सन्नाटा पसरा रहा। फिर भी सुबह से शाम तक करीब 25 लाख रुपये के माला-फूल बिक गए।
मदार, बेला और गुलाब की जबरदस्त मांग : बाबा का श्रृंगार करने के लिए सबसे ज्यादा मदार, बेला और गुलाब के फूलों की मांग रही। मलदहिया फूल मंडी में तो सुबह कुछ व्यापारियों ने बेला और रजनीगंधा का लच्छा रखा था। जो नौ बजते-बजते खत्म हो गया। उसके बाद मदार, गुलाब और गेंदा का माला खूब बिका। वहीं बांसफाटक मंडी में बेला और रजनीगंधा की खूब आवक थी। फिर व्यापारियों ने मनमाने भाव पर दुकानदारी की।
बारिश के कारण बरबाद हो गई थी फसल : मंडी में फूल के किसानों ने बताया कि बिन मौसम बरसात के कारण ज्यादातर फसल खराब हो गई है। बची हुई फसल से जो उत्पादन हुआ है बस उसी से बाजार चल रहा है। बारिश के तुंरत बाद तेज धूप ने भी गेंदे और गुलाब की फसल को नुकसान पहुंचाया है। यदि दाम बढ़ाकर नहीं बेचेंगे तो लागत भी नहीं निकलेगा। वहीं आने वाले दिनों में फूलों की आवक शुरू होने के बाद माना जा रहा है कि सावन के बाद फूलों की कीमत कम होने लगेगी।
कुछ इस तरह रहा माला का भाव
फूल थोक फुटकर
गजरा 15-18 25-40
छोटा गेंदा 08-10 15-20
गुलाब 25-30 40-50
मदार 08-10 20-30
बेला
रजनीगंधा
नोट : यह भाव दोपहर तीन बजे मलदहिया फूल मंडी का है।