न्यायालय में 22656 भू राजस्व वाद लंबित, वाराणसी के डीएम ने समस्त पीठासीन अफसरों को तेजी लाने का दिया निर्देश

वाराणसी के जिलाधिकारी ने पिछले दिनों राजस्व कार्यों की समीक्षा बैठक के दौरान वादों के निस्तारण की धीमी प्रगति पर चिंता जाहिर की थी। साथ ही सभी पीठासीन अधिकारियों को निर्देशित किया कि तय लक्ष्य के मुताबिक वादों का निस्तारण किया जाए।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Publish:Tue, 28 Sep 2021 12:10 AM (IST) Updated:Tue, 28 Sep 2021 12:10 AM (IST)
न्यायालय में 22656 भू राजस्व वाद लंबित, वाराणसी के डीएम ने समस्त पीठासीन अफसरों को तेजी लाने का दिया निर्देश
राजस्व न्यायालयों में भू राजस्व वाद से जुड़ी फाइलें बढ़ती जा रही है।

जागरण संवाददाता, वाराणसी। राजस्व न्यायालयों में भू राजस्व वाद से जुड़ी फाइलें बढ़ती जा रही है। लंबित मामले के निस्तारण होने की रफ्तार से अधिक वाद दायर हो रहे हैं। विभिन्न राजस्व न्यायालयों में जुलाई में कुल 22 हजार 513 राजस्व वाद लंबित थे। एक माह यानी अगस्त में उत्तर प्रदेश राजस्व संहिता-2006 के तहत 5240 वाद दायर हुए। इस तरह कुल 27753 वादों के सापेक्ष मात्र 5117 वादों का ही निस्तारण किया जा सका। इस तरह माह के अंत तक कुल 22 हजार 656 वाद लंबित रहे। राजस्व वादों के निस्तारण की स्थिति यह खुद इस बात का संकेत दे रही है कि प्रतिमाह दायर वादों का भी निस्तारण नहीं हो पा रहा है।

जिलाधिकारी ने पिछले दिनों राजस्व कार्यों की समीक्षा बैठक के दौरान वादों के निस्तारण की धीमी प्रगति पर चिंता जाहिर की थी। साथ ही सभी पीठासीन अधिकारियों को निर्देशित किया कि तय लक्ष्य के मुताबिक वादों का निस्तारण किया जाए। साथ ही प्रत्येक माह के दो तारीख तक सभी पीठासीन अधिकारी विवरण पत्र उपलब्ध कराएं। इसके किसी भी स्तर पर लापरवाही नहीं होनी चाहिए।

कोर्ट में फाइल रखने की नहीं मिलेगी जगह

प्रतिदिन दायर होने वाले राजस्व वादों के निस्तारण में तेजी नहीं आई तो कुछ दिन बाद कोर्ट में फाइल रखने की जगह नहीं मिलेगी। एक अधिकारी ने बताया कि सभी कोर्ट में राजस्व वाद के लंबित फाइलों की संख्या दिनों दिन बढ़ती जा रही है। पुराने मामले निस्तारित नहीं हो पा रहे हैं। यह पूछे जाने पर कि निस्तारण क्यों नहीं हो पा रहे हैं तो कहा, काम बहुत है....।

एक साल से 298 विवेचनाएं लंबित, सात थाना प्रभारियों को नोटिस

कमिश्नरेट के थानों में ए. साल से अधिक समय से कुल 298 विवेचनाएं लंबित हैं। पुलिस आयुक्त ए. सतीश गणेश ने मामलों को लटका कर रखने वाले सात थाना प्रभारियों को अंतिम चेतावनी देते हुए नोटिस दिया है। उन्होंने कहा है कि साल 2020 या इससे पूर्व की विवेचना लंबित रखना अब भारी पड़ सकता है। ए. माह के अंदर इन विवेचनाओं का निस्तारण कर लिया जाए, नहीं तो अधिकारिक कार्रवाई के लिए वे तैयार रहें। इससे पहले भी दो दर्जन दारोगाओं को स्थानांतरित व निलंबित किया जा चुका है। वहीं रविवार की रात काशी जोन में 18 व वरुणा जोन में 29 दारोगाओं के कार्यक्षेत्र में फेरबदल किए गए हैं। कई को चौकी का प्रभार भी सौंपा गया है।

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