जीआइ उत्पाद प्रदर्शनी में दो करोड़ 25 लाख के मिले आनलाइन आर्डर, 75 लाख की हुई बिक्री

पहली बार वाराणसी के बड़ालालपुर स्थित दीनदयाल हस्तकला संकुल में लगे जीआइ उत्पाद की प्रदर्शनी ने पूर्वांचल के जीआइ उत्पादों के लिए नए संभावनाओं का द्वार खोल दिया है। प्रदर्शनी में आए आगंतुकों के बीच पूर्वांचल के उत्पाद काफी लोकप्रिय रहे।

By Abhishek sharmaEdited By: Publish:Mon, 25 Jan 2021 11:21 AM (IST) Updated:Mon, 25 Jan 2021 11:21 AM (IST)
जीआइ उत्पाद प्रदर्शनी में दो करोड़ 25 लाख के मिले आनलाइन आर्डर, 75 लाख की हुई बिक्री
जीआइ उत्पाद की प्रदर्शनी ने पूर्वांचल के जीआइ उत्पादों के लिए नए संभावनाओं का द्वार खोल दिया है।

वाराणसी, जेएनएन। पहली बार वाराणसी के बड़ालालपुर स्थित दीनदयाल हस्तकला संकुल में लगे जीआइ उत्पाद की प्रदर्शनी ने पूर्वांचल के जीआइ उत्पादों के लिए नए संभावनाओं का द्वार खोल दिया है। प्रदर्शनी में आए आगंतुकों के बीच पूर्वांचल के उत्पाद काफी लोकप्रिय रहे। इस प्रदर्शनी से हस्तशिल्पियों और उत्पादकों को नया बाजार बनाने में मदद मिली है। वहीं यूपी की पारंपरिक कलाओं के लिए नए संभावनाओं के द्वार भी खुल गए हैं। इसमें सरकार भी हस्तशिल्पियों को पूरा सहयोग दे रही है। सात दिवसीय प्रदर्शनी में ब्रांड बनारस ने अकेले एक करोड़ रुपये की कमाई की है। जिसमें 45 लाख की बिक्री हुई तो 55 लाख रुपये के आर्डर मिले है। इसमें बनारस ब्रोकेड, लकड़ी के खिलौने, गुलाबी मीनाकारी, पंजादारी, ग्लास बीड्स, जरी जरदोजी, काष्ठ शिल्प कला के उत्पाद शामिल हैं।

आजमगढ़ के ब्लैक पाटरी को लोगों ने खूब सराहा। सात दिन में सात लाख रुपये के ब्लैक पाटरी की खरीदारी हुई है। भदोही की हस्तनिर्मित कालीन भी लोगों को खूब पसंद आई। प्रदर्शनी में दस लाख की बिक्री हुई तो वहीं 15 लाख के आर्डर मिलने से शिल्पी खुश हैं। मीरजापुर के हस्तनिर्मित दरियां भी लोगों को खूब भाईं। जो भदोही के कालीन पर भारी रही। इसकी 15 लाख की बिक्री हुई तो 15 लाख के आर्डर मिले।

प्रयागराज के सुरखा अमरूद का स्वाद भी लोगों के बीच अपनी जगह जमा गया। सात दिनों में बनारस में दो लाख रुपये के अमरूद बिक गए। जबकि वेबसाइट पर करीब 50 हजार लोगों ने इसकी खूबियों को देखा। कन्नौज का इत्र काशीवासियों का मित्र बन बैठा। सात दिन में करीब सात लीटर इत्र की बिक्री हुई है। कानपुर के चमड़े से बने उत्पाद में लोगों ने जैकेट, बेल्ट और वालेट को खूब खरीदा। इसे भी 12 लाख के आर्डर मिले हैं।

गोरखपुर में बने टेराकोटा के हाथी-घोड़ो की बच्चों में खूब मांग रही। पांच लाख की बिक्री होने से उद्यमी गदगद हैं। गाजीपुर के जूट वाल हैंगिंग ने मेले में लोगों का खूब दिल जीता। तो लोगों ने भी खूब सजावटी समान खरीदे। सात दिन में सात लाख रुपये की बिक्री हुई तो 14 लाख के आर्डर मिले। सिद्धार्थनगर के काला नमक चावल की सुगंध भी लोगों को खूब भाई, तो लोगों ने इसकी सुगंध से सम्मोहित होकर करीब 50 क्विंटल चावल के आर्डर दिए।

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