वाराणसी में 147 ओवरलोड ट्रकों का किया गया चालान, बिना नंबर के मिले 37 ट्रक
बिना नंबर और फर्जी नंबर के सहारे दौड़ रहे ओवरलोड ट्रकों के खिलाफ परिवहन अधिकारियों ने शनिवार को भी पूरी रात सड़क पर कार्रवाई की। बिना नंबर के 147 ओवरलोड ट्रकों का चालान किया। इसमें 37 ट्रक बिना नंबर या फर्जी मिले।
जागरण संवाददाता, वाराणसी। बिना नंबर और फर्जी नंबर के सहारे दौड़ रहे ओवरलोड ट्रकों के खिलाफ परिवहन अधिकारियों ने शनिवार को भी पूरी रात सड़क पर कार्रवाई की। बिना नंबर के 147 ओवरलोड ट्रकों का चालान किया। इसमें 37 ट्रक बिना नंबर या फर्जी मिले। रविवार को उप परिवहन आयुक्त ने कार्रवाई की समीक्षा कर रिपोर्ट परिवहन आयुक्त को भेज दी। परिवहन आयुक्त धीरज साहू के निर्देश पर उप परिवहन आयुक्त वाराणसी परिक्षेत्र (डीटीसी) एके सिंह ने जोन के कई जनपदों के सहायक संभागीय परिवहन अधिकारी और यात्रीकर अधिकारियों की ड्यूटी 24 घंटे लगाई है। बनारस के कैथी व डाफी टोल प्लाजा तथा टेंगरा मोड परिवहन अधिकारी दिन-रात चेकिंग होने से ट्रक मालिकों में अफरा-तफरी मची हुई है।
शनिवार की रात रोज की अपेक्षा सड़कों पर कम ओवरलोड ट्रक दिखाई पड़े। वहीं ट्रक उनके सामने से गुजरे जो अंडरलोड और नंबर प्लेट सही थे। तीनों स्थानों पर चेकिंग होने पर कुछ ट्रक मालिकों ने हाइवे पर आपत्ति भी जताई लेकिन कोई कानून नहीं होने के कारण अधिकारियों के कहने पर चले गए। दैनिक जागरण ने 22 अक्टूबर को प्रकाशित खबर में सड़क का सीना चीर रहे बिना नंबर के ओवरलोड ट्रक सवाल उठाया था। खबर प्रकाशित होने के बाद परिवहन मंत्री और परिवहन आयुक्त ने नाराजगी जाहिर की है।
डीटीसी ने बताया कि सड़क पर किसी भी हालत में ओवरलोड ट्रकों को चलने नहीं दिया जाएगा। इसके लिए प्रवर्तन एआरटीओ और यात्रीकर अधिकारियों की ड्यूटी तो लगाई गई। सूचना मिली है कि कुछ ट्रक चालक चेकिंग स्थल की ओर नहीं जाकर दूसरे रास्ते से निकलने की कोशिश कर रहे हैं, ऐसे में अलग से प्रवर्तन परिवहन अधिकारियों को लगाया गया है जिससे उनके खिलाफ सख्ती से कार्रवाई हो सके। बनारस के प्रवर्तन आरटीओ यूबी सिंह और मीरजापुर के आरटीओ राजेश कुमार वर्मा को पूरी तरह से मानीटरिंग करने को कहा गया है। मैं भी अचानक निरीक्षण करने निकलूंगा। बिना नंबर के ओवरलोड ट्रक मिलने पर जिस चेक प्वाइंट से ट्रक गुजरा होगा उस अधिकारी को दोषी माना जाएगा। बताया कि प्रवर्तन आरटीओ को निर्देश दिया गया है कि 25 अक्टूबर बाद पुलिस से मिलकर उनके साथ संयुक्त अभियान चलाएं। सड़क पर बिना नंबर या फर्जी नंबर के दोबारा मिलने पर उनके खिलाफ स्थानीय थाने में मकदमा दर्ज कराएं। साथ ही उस ट्रक की रिपोर्ट बनाकर संभागीय परिवहन प्राधिकरण (आरटीए) की बैठक में रखने को तैयार करें। आरटीए में उनका परमिट निलंबित करने के साथ आगे की कार्यवाही की जाएगी।
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