रेल कर्मियों व परिजनों में मिले डेंगू के 130 संदिग्ध, गंभीर पांच मरीजों को विशेषज्ञ अस्पतालों में किया गया रेफर

पूर्वोत्तर रेलवे वाराणसी मंडल में इस वर्ष 130 कर्मचारी और उनके अश्रितों में डेंगू के लक्षण मिले हैं। हालांकि इसका ट्रेनों के परिचालन पर कोई असर नहीं पड़ा।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Publish:Wed, 11 Dec 2019 04:50 PM (IST) Updated:Wed, 11 Dec 2019 04:50 PM (IST)
रेल कर्मियों व परिजनों में मिले डेंगू के 130 संदिग्ध, गंभीर पांच मरीजों को विशेषज्ञ अस्पतालों में किया गया रेफर
रेल कर्मियों व परिजनों में मिले डेंगू के 130 संदिग्ध, गंभीर पांच मरीजों को विशेषज्ञ अस्पतालों में किया गया रेफर

वाराणसी, जेएनएन। पूर्वोत्तर रेलवे वाराणसी मंडल में इस वर्ष 130 कर्मचारी और उनके अश्रितों में डेंगू के लक्षण मिले हैं। हालांकि इसका ट्रेनों के परिचालन पर कोई असर नहीं पड़ा। कुशल प्रबंधन और कर्मचारियों की कर्तव्यनिष्ठा से परिचालन पूर्व की भांति पटरी पर है। फिर भी बड़ी संख्या में मिले डेंगू रोगियों पर सवाल उठना लाजिमी है।

रेलवे लैब की त्रैमासिक रिपोर्ट पर गौर करें तो पिछले तीन महीने के अंदर 130 संदिग्ध मिले हैं। सभी मरीजों का लहरतारा स्थित पूर्वोत्तर रेलवे के मंडलीय अस्पताल में उपचार हुआ। इनमें 75 फीसद मामले ओपीडी में निस्तारित कर दिए गए। जबकि 25 फीसद मरीजों का भर्ती कर उपचार किया गया। वहीं गंभीर लक्षणों से पीडि़त पांच मरीजों को बेहतर इलाज के लिए अन्यत्र रेफर कर दिया गया।

पिछले साल मिले थे 450 रोगी

वर्ष 2018 की त्रैमासिक रिपोर्ट पर गौर करें तो यह आंकड़ा चार सौ को पार कर गया था। इस वर्ष के सापेक्ष गत वर्ष पूर्वोत्तर रेलवे मंडल अस्पताल में चौगुनी संख्या में मरीजों का उपचार हुआ था।

चौकन्ना हुआ रेल प्रशासन

संचारी रोग को लेकर रेल प्रशासन पहले से कहीं ज्यादा सतर्कता बरत रहा है। रेलवे आवासों और इर्दगिर्द दवाओं का छिड़काव और उपचार के लिए हास्पिटल में बेहतर सुविधाएं दी जा रही है। मंडलीय अस्पताल में भी स्पेशल डेंगू वार्ड बनाए गए है। 

माहवार मिले संदिग्ध

सितंबर- 10

अक्टूबर- 30

नवंबर - 97

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