एक-एक शिक्षक के भरोसे संचालित हो रहे भदोही नगर के 13 विद्यालय, जल्‍द ही मिलेंगे पर्याप्‍त टीचर

परिषदीय स्कूलों में शिक्षकों की तैनाती के लिए नगरीय व ग्रामीण क्षेत्र का कैडर समाप्त किए जाने को लेकर शासन के निर्णय से जिले के नगर क्षेत्र भदोही में संचालित स्कूलों में शिक्षकों की कमी दूर होने की उम्मीद दिखाई पड़ने लगी है।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Publish:Mon, 21 Jun 2021 04:26 PM (IST) Updated:Mon, 21 Jun 2021 04:26 PM (IST)
एक-एक शिक्षक के भरोसे संचालित हो रहे भदोही नगर के 13 विद्यालय, जल्‍द ही मिलेंगे पर्याप्‍त टीचर
नगर क्षेत्र भदोही में संचालित स्कूलों में शिक्षकों की कमी दूर होने की उम्मीद दिखाई पड़ने लगी है।

भदोही, जेएनएन। परिषदीय स्कूलों में शिक्षकों की तैनाती के लिए नगरीय व ग्रामीण क्षेत्र का कैडर समाप्त किए जाने को लेकर शासन के निर्णय से जिले के नगर क्षेत्र भदोही में संचालित स्कूलों में शिक्षकों की कमी दूर होने की उम्मीद दिखाई पड़ने लगी है। एक-एक शिक्षकों के भरोसे संचालित हो रहे स्कूलों में बच्चों को बेहतर शिक्षा हासिल हो सकेगी। हालांकि इसी के साथ शासन को विद्यालयों की सुविधाओं की ओर भी ध्यान देना होगा। कारण है कि नगर क्षेत्र भदोही में संचालित एक पूर्व माध्यमिक व 13 प्राथमिक स्तर के विद्यालयों में से अधिकतर की दशा बदहाल बनी है।

भदोही नगर में संचालित 13 प्राथमिक व एक पूर्व माध्यमिक विद्यालय में शिक्षकों की तैनाती के लिए सृजित पदों को देखा जाय तो कुल 45 शिक्षकों की तैनाती होनी चाहिए। जबकि करीब डेढ दशक से इनमें नए शिक्षकों की तैनाती न होने से मौजूदा समय में कुल 15 शिक्षकों की ही तैनाती शेष रह गई है। ऐसी स्थिति में महज एक-एक शिक्षक के भरोसे चल रहे स्कूलों में शिक्षक अलग-अलग कक्षाओं के बच्चों को कैसे कितनी शिक्षा दे पाएंगे यह स्वत: ही समझा जा सकता है। बहरहाल अब शासन की ओर से लिए जा रहे नगरीय व ग्रामीण क्षेत्र का कैडर समाप्त करने के निर्णय से ग्रामीण क्षेत्र के शिक्षकों का स्थानांतरण यहां हो जाने से समस्या दूर होने की उम्मीद दिखने लगी है।

100 वर्ष पूरा कर चुका पूर्व माध्यमिक विद्यालय

नगर क्षेत्र भदोही में स्थित पूर्व माध्यमिक विद्यालय 100 वर्ष की उम्र पूरा कर चुका है। 1919 में स्थापित विद्यालय में आज तक कोई नया निर्माण नहीं कराया जा सका है। इसके चलते भवन का तमाम हिस्सा पूरी तरह जर्जर हो चुका है। सबसे अहम यह है कि विभागीय लापरवाही कहें या फिर कुछ और विद्यालय भूमि के अधिकतर हिस्से पर अतिक्रमण बना है। यहां तक की परिसर व भवन में आस-पास के लोग कब्जा कर डीजे व अन्य वाहन खड़ा करने का स्टैंड बना चुके हैं। इसी तरह अन्य स्कूलों की दशा भी बदहाल है। जिनका कायाकल्प नहीं हो पा रहा है।

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