वाराणसी के सरकारी और निजी अस्पतालों में 1296 रेमडेसिविर इंजेक्शन आपूर्ति, डीएम ने कहा- तय मूल्य से अधिक लेने पर कार्रवाई
शहर के सरकारी एवं निजी सरकारी कोविड-19 अस्पतालों में रेमडेसिविर इंजेक्शन की 2000 डोज आपूर्ति कराई गई। शहर के सरकारी एवं निजी सरकारी कोविड-19 अस्पतालों में रेमडेसिविर इंजेक्शन की 1296 डोज की आपूर्ति कराई गई। हालांकि इसकी मांग बढ़कर अब 5000 तक पहुंच गई है।
वाराणसी, जेएनएन। कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच भले ही ऑक्सीजन का उत्पादन व रेमडेसिविर इंजेक्शन की आपूर्ति बढ़ रही है, लेकिन उसे कहीं ज्यादा मांग भी बढ़ती जा रही है। हालांकि इस बीच सोमवार रात प्रशासन ने इस संबंध में बैठक की ताकि ऑक्सीजन व इंजेक्शन की कमी नहीं होने पाए। फिलहाल शहर के सरकारी एवं निजी सरकारी कोविड-19 अस्पतालों में रेमडेसिविर इंजेक्शन की 1296 डोज की आपूर्ति कराई गई। हालांकि इसकी मांग बढ़कर अब 5000 तक पहुंच गई है। जिला प्रशासन के अनुसार रविवार को भी विभिन्न अस्पतालों को 269 इंजेक्शन उपलब्ध कराए गए थे।
इसमें बीएचयू अस्पताल को 192, दीनदयाल अस्पताल को 96, बरेका अस्पताल को 36, ईएसआइसी हॉस्पिटल को 36 यानी कुल 360 और संबद्ध निजी चिकित्सालयों को 936 इंजेक्शन उपलब्ध कराया गया है। इस प्रकार 1296 रेमडेसिविर इंजेक्शन का जरूरत अनुसार वितरण किया गया। ड्रग लाइसेंस अथॉरिटी के सहायक औषधि आयुक्त केजी गुप्ता ने बताया कि सभी अस्पतालों में सोमवार को 2000 रेमडेसिविर इंजेक्शन मुहैया कराया गया। हालांकि इसकी 5000 तक मांग होने लगी है। ऐसे में कालाबाजारी भी जारी रही। लोग अपने स्रोतों से मुंहमांगी कीमत पर इंजेक्शन खरीदते रहे।
आक्सीजन का उत्पादन 4000 लीटर तक
कोरोना संक्रमण की तेज गति के साथ उत्पादन तो बढ़ गया लेकिन मांग का आंकड़ा नहीं छू सका। सोमवार को आक्सीजन का उत्पादन बढ़कर 4000 लीटर तक पहुंच गया तो इसकी मांग भी 5000 लीटर से अधिक हो गई। ऑक्सीजन ही नहीं सिलेंडर की भी कमी पड़ रही है। खैर, इस कमी को दूर करने के लिए प्रशासन ने अपने स्तर पर 600 सिलेंडर अहमदाबाद से मंगवाया है। इससे काफी हद तक समस्या का समाधान संभावित माना जा रहा है। इसके अलावा औद्योगिक इकाइयों में उपयोग होने वाले 250 सिलेंडर भी अस्पतालों में उपचार के लिए उपयोग किया जा रहा है। ड्रग लाइसेंस अथॉरिटी के सहायक औषधि आयुक्त केजी गुप्ता ने बताया कि अब ऑक्सीजन की आपूर्ति बढ़कर 4000 लीटर तक पहुंच गई है। जो कमी हो रही है उसे अन्य जिलों से मंगाई जा रही है।