बलिया जिले में वायरल बुखार के बीच मिले 11 डेंगू के मरीज, प्रभावित क्षेत्रों में बढ़ी सतर्कता
नगर से लेकर ग्रामीण क्षेत्रों में वायरल बुखार की चपेट में लोग तेजी से आ रहे हैं। अस्पतालों में हर दिन मरीजों की भारी भीड़ देखी जा रही है। इस बीच डेंगू के मामले भी लगातार बढ़ रहे हैं। जिले में अब तक 11 मरीज मिले हैं।
जागरण संवाददाता, बलिया। बदलते मौसम में नगर से लेकर ग्रामीण क्षेत्रों में वायरल बुखार की चपेट में लोग तेजी से आ रहे हैं। अस्पतालों में हर दिन मरीजों की भारी भीड़ देखी जा रही है। इस बीच डेंगू के मामले भी लगातार बढ़ रहे हैं। जिले में अब तक 11 मरीज मिले हैं। एनएचएम के डीपीएम आरबी यादव भी डेंगू की चपेट में आ गए हैं। बुखार होने के तीसरे दिन राहत नहीं मिलने पर चिकित्सक मरीजों को डेंगू की जांच कराने की सलाह दे रहे हैं। जिला अस्पताल में पिछले एक माह से ओपीडी में बुखार, बदन दर्द, सर्दी, खांसी, सांस फूलने के हर दिन 300 से 400 तक मरीज आ रहे हैं। मंगलवार को जिला अस्पताल की पड़ताल में ऐसे कई मरीज मिले जिन्होंने बताया कि वायरल बुखार एक सप्ताह के बाद ही ठीक हो पा रहा है। आपीडी में भी काफी संख्या में मरीज थे। कोरोना से राहत मिलने के बाद डेंगू सभी के लिए चिंता का कारण बनता जा रहा है। जिला मलेरिया अधिकारी सुनील कुमार ने बताया बारिश के बाद फिर मौसम बदला है। ऐसे में पूरी सावधानी बरतने की जरूरत है। जरा सी भी लापरवाही भारी पड़ सकती हैै। इन दिनों डेेंगू और मलेरिया का खतरा बढ़ गया है।
डेंगू के मरीज : रेवती ब्लाक में दो, हनुमानगंज में दो, बेरूआरबारी में एक, दुबहड़ में एक, गड़वार में एक, चिलकहर में एक, सदर के बहादुरपुर में एक, तिखमपुर में एक व रसड़ा में भी एक मरीज मिला है।
80 फीसद मरीजों की हो रही ब्लड जांच : वायरल बुखार के 80 प्रतिशत मरीजों की ब्लड जांच हो रही है। अगस्त माह से अब तक अस्पताल की पैथालाजी में वायरल फीवर के लक्षण वाले 3266 मरीजों की जांच हुई। इसमें 2607 में टायफायड की पुष्टि हुई। 659 की रिपोर्ट सामान्य रही।
हर रविवार मच्छर पर वार अभियान : जिले में संचारी रोग अभियान के तहत घरों के आसपास साफ-सफाई के साथ हर रविवार मच्छर पर वार अभियान स्वास्थ्य विभाग द्वारा चलाया जा रहा है। प्रत्येक रविवार को पानी टंकी, कूलर, गमले के पानी को जहां बदलने के लिए लोगों को जागरूक किया जा रहा है वहीं, मलेरिया मच्छर से बचाव के लिए घर के आसपास जमे पानी में जला मोबिल डालने की सलाह दी जा रही है। घरों में लोग साफ-सफाई का पूरा ध्यान रख रहे हैं, लेकिन घर के बाहर सड़क और नालों की गंदगी का वह क्या करें। नगरपालिका, नगरपंचायत, ग्राम पंचायतों के जिम्मेदार कहीं भी साफ-सफाई या फागिंग पर कोई ध्यान नहीं दे रहे हैं। शहरकी बात करें तो यहां लगभग मोहल्लाें में नारकीय हालात हैं। सड़क पर कूड़े का ढ़ेर जमा रहता है। मोहल्लों की खुली नालियाें में मच्छर पलते रहते हैं। ऐसे में कोई भी कितना सुरक्षित रह सकता है, इसका सहज अनुमान लगाया जा सकता है।