वाराणसी में कोरोना संक्रमण के 1520 पाॅजिटिव में से 109 लापता, अप्रैल में अब तक 1621
कोरोना संक्रमण के बढऩे से जहां जिला प्रशासन से लेकर स्वास्थ्य विभाग परेशान है वहीं लापता मरीज अब भी बड़ी मुसीबत बने हुए हैं। रविवार को मिले कुल 1520 पाजिटिव में से भी 109 लापता रहे जबकि एक दिन पहले आए 1176 संक्रमितों से सर्वाधिक 300 लापता थे।
वाराणसी, जेएनएन। कोरोना संक्रमण के बढऩे से जहां जिला प्रशासन से लेकर स्वास्थ्य विभाग परेशान है, वहीं लापता मरीज अब भी बड़ी मुसीबत बने हुए हैं। लाख जतन के बाद भी ऐसे गुमनाम पाॅजिटिव मरीजों की जानकारी विभाग को नहीं मिल पा रही है। रविवार को मिले कुल 1520 पाजिटिव में से भी 109 लापता रहे, जबकि एक दिन पहले आए 1176 संक्रमितों से सर्वाधिक 300 लापता थे।
इसकी वजह नाम में त्रुटि, गलत मोबाइल नंबर व पता है। उधर, सैंपल देने के बाद कोविड कमांड सेंटर से फोन न आने व पोर्टल पर अपना सही नंबर डालने पर रिपोर्ट न दिखने पर मरीज या तो परेशान होकर महकमे को संपर्क कर रहे हैं या फिर स्वयं को निगेटिव मान ले रहे हैं। यहीं महकमे की सबसे बड़ी चूक सामने आ रही है, जो जिले में कोरोना संक्रमण के बढ़ते प्रकोप के कारणों में से एक है। क्योंकि बिना सही नाम-पता व मोबाइल नंबर के न तो विभाग और न ही प्रशासन इनकी निगरानी कर सकेगा। ऐसे में लापता मरीज एहतियात बरत रहा है तो ठीक, लेकिन बेपरवाह होकर घर से बाहर निकला तो कोरोना का वाहक बन जाएगा। यह स्थिति ऐसे विस्फोटक समय में आग में घी का ही काम करेगा। लापता मरीजों में 17 से 70 वर्ष के लोग शामिल हैं। स्वास्थ्य विभाग की ओर से जारी मेडिकल बुलेटिन के अनुसार सबसे अधिक लापता मरीज 10 अप्रैल को रही। उस दिन इनकी संख्या 300 रही।
प्रभारी सीएमओ डा. एनपी सिंह के मुताबिक जांच केंद्रों पर लोगों की ओर से हड़बड़ी करना और गलत मोबाइल नंबर या पता दर्ज कराना इसकी प्रमुख वजह है। इस पर नियंत्रण के लिए आरटीपीसीआर जांच कराने को अब आधार कार्ड अनिवार्य कर दिया गया है। सोमवार से यह नियम सख्ती के साथ लागू कर दिया जाएगा।
अप्रैल लापता
11 109
10 300
9 210
8 251
7 203
6 170
5 115
4 115
3 45
2 53
1 50