बाइक से घायल प्रवक्ता की मौत पर परिवार को 1.27 करोड़ की क्षतिपूर्ति, आजमगढ़ में बस से उतरते समय हुआ था हादसा

रोडवेज बस से उतरते समय चार साल पूर्व बाइक के धक्के से घायल प्रवक्ता की मौत होने पर परिवार को 1.27 करोड़ क्षतिपूर्ति का आदेश ट्रिब्यूनल जज मनोज कुमार सिंह गौतम ने बीमा कंपनी को दिया है। पूरी धनराशि पर सात फीसद ब्याज के भी भुगतान करने को कहा है।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Publish:Fri, 24 Sep 2021 12:05 AM (IST) Updated:Fri, 24 Sep 2021 12:05 AM (IST)
बाइक से घायल प्रवक्ता की मौत पर परिवार को 1.27 करोड़ की क्षतिपूर्ति, आजमगढ़ में बस से उतरते समय हुआ था हादसा
बाइक से घायल प्रवक्ता की मौत पर परिवार को 1.27 करोड़ की क्षतिपूर्ति

जागरण संवाददाता, जौनपुर। रोडवेज बस से उतरते समय चार साल पूर्व बाइक के धक्के से घायल प्रवक्ता की मौत होने पर परिवार को 1.27 करोड़ क्षतिपूर्ति का आदेश ट्रिब्यूनल जज मनोज कुमार सिंह गौतम ने बीमा कंपनी को दिया है। इसके साथ ही पूरी धनराशि पर सात फीसद ब्याज के भी भुगतान करने को कहा है। इसके लिए प्रवक्ता की पत्नी ने चार साल मुकदमा लड़ा। घटना आजमगढ़ में 23 मार्च 2017 को बस से उतरते समय हुई थी।

यह थी पूरी घटना

महोबा में अर्थशास्त्र के प्रवक्ता रहे मेवालाल की पत्नी व परिवार के अन्य लोगों (याची) ने कोर्ट में याचिका दायर किया कि मेवालाल आजमगढ़ से रोडवेज बस से महोबा जा रहे थे। 23 मार्च 2017 को सुबह सात बजे राजेपुर आजमगढ़ में ड्राइवर ने बस रोक दिया। मेवालाल लघुशंका के लिए बस से उतर रहे थे कि पीछे से आ रहे एक बाइक सवार ने टक्कर मार दिया, जिससे वे घायल हो गए। जिला चिकित्सालय में इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई। इस मामले में बाइक के मालिक, चालक व मैग्मा एचडीआइ जनरल इंश्योरेंस कंपनी के खिलाफ याचिका दायर की गई। चल रहे मुकदमे में याची व गवाह का बयान दर्ज हुआ। इस दौरान विपक्षी बीमा कंपनी ने तर्क दिया कि एफआइआर किसी और बाइक पर दर्ज हुई और बाद में बाइक बदल दी गई।

गवाह सुजानगंज का था, जबकि दुर्घटना आजमगढ़ में हुई थी। हालांकि याची की ओर से तर्क दिया गया कि भूलवश बाइक के नंबर में एक अंक गलत लिखा गया था और गवाह मृतक के साथ यात्रा कर रहा था। कोर्ट ने दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद मेवालाल की पत्नी की हानि, भावी संभावनाओं की हानि, साहचर्य से वंचित होने व अंतिम संस्कार में हुए खर्च को देखते हुए क्षतिपूर्ति का आदेश दिया। इस संबंध में विपक्षी बीमा कंपनी के अधिवक्ता ज्ञान प्रकाश सिंह ने कहा कि आगे की सुनवाई के लिए हाइकोर्ट में अपील की जाएगी।

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